लाइव न्यूज़ :

शंकराचार्य जयंती 2020: जब नदी में नहाते हुए शंकराचार्य को पकड़ लिया था मगरमच्छ ने, ऐसे मांगी थी मां से संन्यासी बनने की अनुमति

By मेघना वर्मा | Updated: April 28, 2020 06:16 IST

शंकराचार्य के पिता की मृत्यु उनके बचपन में ही हो गई थी। बचपन से ही शंकराचार्य संन्यासी जीवन जीना चाहते थे।

Open in App
ठळक मुद्देशंकराचार्य का निधन 32 साल की उम्र में केदारनाथ में हुआ था। शंकराचार्य ने सनातन धर्म के प्रचार और प्रतिष्ठा के लिए भारत के 4 क्षेत्रों में चार मठ स्थापित किए।

आज आदि गुरु शंकराचार्य की जयंती है। सनातन धर्म में शंकराचार्य को महत्वपूर्ण माना जाता हैं। माना जाता है कि भारत में चार मठों की स्थापना आदि गुरु शंकराचार्य ने की थी। इस साल शंकराचार्य जयंती 28 अप्रैल को पड़ रही है।

बताया जाता है कि शंकराचार्य के पिता की मृत्यु उनके बचपन में ही हो गई थी। बचपन से ही शंकराचार्य का रुझान संन्यासी जीवन की तरफ था। मगर उनकी मां नहीं चाहती थीं कि वो संन्यासी जीवन बिताएं। शंकराचार्य ने अपनी मां से संन्यासी बनने की अनुमति कैसे मांगी इस चीज की भी अपनी अलग कहानी है। आइए आपको बताते हैं-

जब शंकराचार्य को पकड़ लिया मगरमच्छ ने

बताया जाता है कि जब शंकराचार्य 8 साल के थे तब अपनी मां शिवतारका के साथ नदी में स्‍नान के लिए गए हुए थे। वहां उन्हें मगरमच्‍छ ने पकड़ लिया। जिसके बाद शंकराचार्य ने अपनी मां से कहा कि वो उन्हें संन्यासी बनने की अनुमति दे दे वरना ये मगरमच्छ उन्हें मार देंगे। जिसके बाद उनकी मां ने उन्हें संन्यासी बनने की अनुमति दे दी।

केदारनाथ में हुआ था निधन

बताया जाता है कि शंकराचार्य का निधन 32 साल की उम्र में केदारनाथ में हुआ था। शंकराचार्य ने हिंदू धर्म से जुड़ी कई रूढि़वादी विचारधाराओं से लेकर बौद्ध और जैन दर्शन की कई चर्चा की है। शंकराचार्य को अद्वैत परम्परा के मठों के मुखिया के लिए प्रयोग की जाने वाली उपाधि माना जाता है।

चार मठों की की स्थापना

शंकराचार्य ने सनातन धर्म के प्रचार और प्रतिष्ठा के लिए भारत के 4 क्षेत्रों में चार मठ स्थापित किए। शंकराचार्य ने अपने नाम वाले इस पद पर अपने चार मुख्य शिष्यों को बैठाया। जिसेक बाद इन चारों मठों में शंकराचार्य पद को निभाने की शुरुआत हुई।

देशभर में 4 मठ

1. ओडिशा का गोवर्धन मठ2. कर्नाटक का शरदा शृंगेरीपीठ3. गुजरात का द्वारका पीठ4. उत्‍तराखंड का ज्‍योतिर्पीठ/ जोशीमठ

टॅग्स :पूजा पाठ
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठDiwali Puja Time Today: दिवाली पूजा का समय और शुभ मुहूर्त कब है?, 20 अक्टूबर गणेश-लक्ष्मी पूजा...

पूजा पाठHappy Diwali 2025 Wishes: दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं, मैसेज, फोटो, स्टेटस...

भारतGanesh Chaturthi 2025: मूर्ति विसर्जन को लेकर सुविधा, मोबाइल ऐप से सभी जानकारी, ऐसे करें डाउनलोड, ठाणे नगर निगम ने जारी किया

भारतMadras High Court: कोई भी जाति मंदिर के स्वामित्व का दावा नहीं कर सकती?, मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा- पूजा और प्रबंधन सभी भक्त करें

पूजा पाठChhath Puja 2024 LIVE: छठ के तीसरे दिन 'संध्या अर्घ्य' का महत्व क्या है?, सूर्यास्त के समय नदी किनारे...

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठसभ्यता-संस्कृति का संगम काशी तमिल संगमम

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल

पूजा पाठPanchang 06 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय