शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है। शनिदेव को क्रोधी स्वभाव का देवता माना जाता है, उनको खुश रखना आवश्यक होता है। शनिदेव के रूठने से बनते काम बिगड़ जाते हैं। ज्योतिष में शनिदेव को न्याय करने वाला देवता माना गया है। मनुष्य अपने जीवन में जो भी अच्छे या बुरे काम करता है, उसका फल उसे शनिदेव ही देते हैं। जब किसी व्यक्ति पर शनि की साढ़ेसाती व ढय्या का प्रभाव होता है तो उस समय वह शनि से सबसे ज्यादा प्रभावित होता है। ज्योतिष शास्त्र में शनि के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए शनि देव की पत्नियों के नाम के जप की सलाह दी जाती हैं।
शनिदेव की आठ पत्नियां है। जिनके नाम का जप शनिवार को इस प्रकार करना चाहिए..
ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिया।कंटकी कलही चाऽथ तुरंगी महिषी अजा।।शनेर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान्।दुःखानि नाशयेन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखम।।
शनिदेव की पत्नियों के नाम
ध्वजिनीधामिनीकंकालीकलहप्रियाकंटकीतुरंगीमहिषीअजाइस तरह शनिदेव की पत्नियों का नाम लेने से दुखों का नाश होता है और सौभाग्य बढ़ता है।