Shani Jayanti 2024 Katha: जब शनि की वक्र दृष्टि से काले पड़े सूर्यदेव, तो लेनी पड़ी शिवजी की शरण

By रुस्तम राणा | Published: May 24, 2024 03:54 PM2024-05-24T15:54:10+5:302024-05-24T15:54:44+5:30

Shani Jayanti 2024:  शनि जयंती या ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शनि मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। इस दिन शनि देव का आशीर्वाद पाने के लिए भक्तों के द्वारा व्रत रखा जाता है।

Shani Jayanti 2024 Katha: When Suryadev turned black due to the evil eye of angry Saturn, he had to take refuge in Lord Shiva | Shani Jayanti 2024 Katha: जब शनि की वक्र दृष्टि से काले पड़े सूर्यदेव, तो लेनी पड़ी शिवजी की शरण

Shani Jayanti 2024 Katha: जब शनि की वक्र दृष्टि से काले पड़े सूर्यदेव, तो लेनी पड़ी शिवजी की शरण

Shani Jayanti Katha:शनि जयंती हिंदू धर्म का प्रमुख त्योहार है। यह भगवान शनि देव का जन्मोत्सव है, जिसे धूम धाम के साथ मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, शनि जयंती प्रति वर्ष ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। हिंदू धार्मिक शास्त्रों में शनि महाराज न्याय के देवता हैं, जो लोगों को उनके कर्मों (अच्छे-बुरे) के हिसाब से ही फल देते हैं। 

6 जून 2024 को शनि जयंती

इस वर्ष शनि जयंती का पर्व 6 जून, गुरुवार को मनाया जाएगा।  शनि जयंती या ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शनि मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। इस दिन शनि देव का आशीर्वाद पाने के लिए भक्तों के द्वारा व्रत रखा जाता है। पवित्र नदी में स्नान किया जाता है और दान-पुण्य के कार्य किए जाते हैं। 

सूर्य देव और माता छाया के पुत्र हैं शनि देव

पौराणिक कथा के अनुसार, शनि महाराज सूर्य देव और छाया के पुत्र हैं। सूर्य देव का विवाह प्रजापति दक्ष की पुत्री संज्ञा से हुआ। कुछ समय बाद उन्हें तीन संतानों के रूप में मनु, यम और यमुना की प्राप्ति हुई। इस प्रकार कुछ समय तो संज्ञा ने सूर्य के साथ रिश्ता निभाने की कोशिश की, लेकिन संज्ञा सूर्य के तेज को अधिक समय तक सहन नहीं कर पाईं। 

इसी वजह से संज्ञा अपनी छाया को पति सूर्य की सेवा में छोड़कर वहां से चली गईं। सूर्य लोक में छाया को सूर्य देव के तेज से कोई समस्या नहीं थी। दोनों हंसी-खुशी जीवन व्यतीत कर रहे थे। समय बीतता गया और फिर छाया और सूर्य देव से तीन संतानों ने जन्म लिया, जिसमें शनि देव, मनु और भद्रा हैं।

जन्म के समय शनि देव के काले रंग से भौचक्के रह गए सूर्य देव 

कहा जाता है कि जब शनि देव मां छाया के गर्भ में थे, तो उन्होंने भगवान शिव की कठोर तपस्या की थी, जब छाया ने इतनी देर तक धधकते सूरज के नीचे तपस्या की थी, तो शनि गर्भ के अंदर काले रंग के हो गए थे। जब शनि देव पैदा हुए, तो सूर्य देव को लगा कि काले रंग का पुत्र उनका नहीं हो सकता है। उन्होंने छाया के चरित्र पर संदेह किया। उधर, अपनी माता को अपमानित होते देखकर शनि देव क्रोधित हो गए और पिता सूर्य देव की ओर देखने लगे। 

शनि देव के कोप के शिकार हुए सूर्य देव

शनि की वक्र दृष्टि से सूर्य देव काले हो गए और उन्हें कुष्ठ रोग हो गया। वहां से सूर्य देव शंकर जी के शरण में गए, जहां उनको अपनी गलती पता चली। जब सूर्य देव ने क्षमा मांगी, तो फिर उनका स्वरूप पहले जैसा हो गया। इस घटना के बाद से सूर्य देव और शनि देव में रिश्ते खराब हो गए। कहते हैं दोनों के बीच शत्रुता का भाव आज तक है। 

Web Title: Shani Jayanti 2024 Katha: When Suryadev turned black due to the evil eye of angry Saturn, he had to take refuge in Lord Shiva

पूजा पाठ से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे