लाइव न्यूज़ :

Shani Jayanti 2022 Date: शनि जयंती कब है? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र और उपाय

By रुस्तम राणा | Updated: May 24, 2022 15:08 IST

इस साल शनि जयंती 30 मई सोमवार को मनाई जाएगी। इस दिन प्रातः काल से ही सर्वार्थ सिद्धि योग बनेगा। शनिदेव की पूजा के दिन अभिजीत मुहूर्त भी है।

Open in App

Shani Jayanti 2022:शनि जयंती हिंदू धर्म का प्रमुख त्योहार है। यह भगवान शनि देव का जन्मोत्सव है, जिसे धूम धाम के साथ मनाया जाता है। हिंदू धार्मिक शास्त्रों में शनि महाराज को भगवान शिव की कृपा से न्याय के देवता का अधिकार मिला हुआ है। शनि मंदिरों में इस दिन भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। उनका आशीर्वाद पाने के लिए भक्तों के द्वारा व्रत रखा जाता है। पवित्र नदी में स्नान किया जाता है और दान-पुण्य के कार्य किए जाते हैं। 

कब है शनि जयंती 2022?

हिंदू पंचांग के अनुसार, शनि जयंती प्रति वर्ष ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान शनिदेव का जन्म हुआ था। इस साल शनि जयंती 30 मई सोमवार को मनाई जाएगी। इस दिन प्रातः काल से ही सर्वार्थ सिद्धि योग बनेगा। शनिदेव की पूजा के दिन अभिजीत मुहूर्त भी है।

शुभ मुहूर्त

अमावस्या तिथि प्रारम्भ - मई 29, 2022 को दोपहर 02:54 बजेअमावस्या तिथि समाप्त - मई 30, 2022 को शाम 04:59 बजे 

शनि जयंती पूजा विधि

सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।व्रत का संकल्प करें।घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।शनिदेव के मंदिर जाएं।शनिदेव को तेल, पुष्प अर्पित करें।शनि चालीसा का पाठ करें।शाम को विधि-विधान के साथ व्रत खोलेंइस पावन दिन पर शनि देव से जुड़ी चीजों का दान करें। 

इन मंत्रों का करें जाप

ॐ शं शनैश्चराय नमःॐ प्रां प्रीं प्रौ स: शनैश्चराय नमः

शनि जयंती पर करें ये उपाय

पीपल के पेड़ के नीचे शनिदेव की मूर्ति के पास तेल चढ़ाएं।चीटियों को काला तिल और गुड़ खिलाएं।चमड़े के जूते चप्पल गरीबों में दान करें।पीपल के पेड़ में केसर, चन्दन, फूल आदि अपिर्त करके तेल का दीपक जलाएं।यदि नीलम धारण किया हुआ है तो इसे शनि जयंती पर उतार दें।

शनि जयंती की कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, शनि महाराज सूर्य देव और छाया के पुत्र हैं। सूर्य देव का विवाह प्रजापति दक्ष की पुत्री संज्ञा से हुआ। कुछ समय बाद उन्हें तीन संतानों के रूप में मनु, यम और यमुना की प्राप्ति हुई। इस प्रकार कुछ समय तो संज्ञा ने सूर्य के साथ रिश्ता निभाने की कोशिश की, लेकिन संज्ञा सूर्य के तेज को अधिक समय तक सहन नहीं कर पाईं। इसी वजह से संज्ञा अपनी छाया को पति सूर्य की सेवा में छोड़कर वहां से चली चली गईं। कुछ समय बाद छाया के गर्भ से शनि देव का जन्म हुआ।

टॅग्स :शनि जयंतीहिंदू त्योहारशनि देव
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठMargashirsha Purnima 2025 Date: कब है मार्गशीर्ष पूर्णिमा? जानिए तिथि, दान- स्नान का शुभ मुहूर्त, चंद्रोदय का समय और महत्व

पूजा पाठDecember Vrat Tyohar 2025 List: गीता जयंती, खरमास, गुरु गोबिंद सिंह जयंती, दिसंबर में पड़ेंगे ये व्रत-त्योहार, देखें पूरी लिस्ट

पूजा पाठVivah Panchami 2025: विवाह पंचमी 25 नवंबर को, वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ाने के लिए इस दिन करें ये 4 महाउपाय

भारतदरगाह, मंदिर और गुरुद्वारे में मत्था टेका?, बिहार मतगणना से पहले धार्मिक स्थल पहुंचे नीतीश कुमार, एग्जिट पोल रुझान पर क्या बोले मुख्यमंत्री

पूजा पाठKartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा आज, जानें महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठसभ्यता-संस्कृति का संगम काशी तमिल संगमम

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल

पूजा पाठPanchang 06 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय