Sawan Shivratri 2023: सावन शिवरात्रि में जलाभिषेक के दौरान इन बातों का रखें विशेष ध्यान, जाने शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

By अंजली चौहान | Published: July 14, 2023 05:28 PM2023-07-14T17:28:17+5:302023-07-14T17:30:55+5:30

15 जुलाई को पूरे देश में सावन शिवरात्रि मनाई जाएगी। इस दिन शिवलिंग पर भगवान भोलेनाथ के नाम से जलाभिषेक करना और पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है।

Sawan Shivratri 2023 Take special care of these things during Jalabhishek in Sawan Shivratri know auspicious time and method of worship | Sawan Shivratri 2023: सावन शिवरात्रि में जलाभिषेक के दौरान इन बातों का रखें विशेष ध्यान, जाने शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

फोटो क्रेडिट- फाइल फोटो

Highlights15 जुलाई 2023 को सावन शिवरात्रि मनाई जाएगी। सावन शिवरात्रि के दिन चार प्रहर में पूजा की जाएगी इस दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से शिव भगवान प्रसन्न होते हैं

Sawan Shivratri 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष 15 जुलाई, 2023 को सावन शिवरात्रि मनाई जाएगी। सावन माह में पड़ने वाली शिवरात्रि का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना करना और व्रत रखने से भक्तों के दुख-कष्टों का निदान होता है।

सावन माह महादेव का प्रिय महीना होता है और इसमें पड़ने वाली मासिक शिवरात्रि पर जो योग बन रहे वह अति महत्वपूर्ण है। महादेव के शिवलिंग पर जल चढ़ाना व जलाभिषेक करना शास्त्रों में अच्छा माना गया है और ऐसा करने से महादेव प्रसन्न हो जाते हैं।

सावन शिवरात्रि का पूजा का शुभ मुहूर्त

सावन कृष्ण चतुर्दशी तिथि शुरू: 15 जुलाई 2023, रात 08:32 बजे

सावन कृष्ण चतुर्दशी तिथि समाप्त: 16 जुलाई 2023, रात 10:08 बजे

सावन शिवरात्रि प्रथम प्रहर पूजा: शाम 07:21- 09:54 रात बजे तक (15 जुलाई 2023)
सावन शिवरात्रि द्वितीय प्रहर पूजा: 15 जुलाई 09:54 PM- 12:27 AM 16 जुलाई 
सावन शिवरात्रि तृतीया प्रहर पूजा: 12:27 AM- 03:03 AM 16 जुलाई 2023
सावन शिवरात्रि चौथे प्रहर की पूजा: 03:03 AM-05:33 AM 16 जुलाई 2023

16 जुलाई 2023 को शिवरात्रि व्रत का पारण सूर्योदय के बाद किया जाएगा। इस दिन 05:33- दोपहर 03:54 मिनट तक शिवरात्रि व्रत खोल सकते हैं। 

शिवलिंग पर जलाभिषेक करते समय इन बातों का रखें ख्याल 

1 शास्त्रों के अनुसार, शिवलिंग पर जल चढ़ाते हुए आपका मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। ये भगवान शिव का प्रवेश द्वार माना जाता है।

2 भगवान शिव के शिवलिंग पर जलाभिषेक करते समय तेजी से एक साथ जल न चढ़ाए ऐसा करने से भगवान शिव नाराज हो जाते हैं। मान्यता है कि धीरे-धीरे जल चढ़ाने से महादेव प्रसन्न हो जाते हैं।

3 बहुत कम लोगों को ये मालूम हो कि शिवलिंग पर जलाभिषेक किसी भी बर्तन से करना वर्जित है। महादेव को हमेशा तांबे के पात्र से बने लोटे से जल चढ़ाना चाहिए। स्टील या अन्य धातु का प्रयोग वर्जित माना जाता है।

4 सावन शिवरात्रि के दिन मंदिरों में काफी भीड़-भाड़ होती है क्योंकि सभी भक्त महादेव को प्रसन्न करने के लिए पहुंचे होते हैं। ऐसे में कई भक्त इस दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक खड़े-खड़े ही कर देते हैं। हालांकि, भगवान को ऐसे जल नहीं चढ़ाना चाहिए। भोलेनाथ को खुश करने और अपनी हर मनोकामना को पूरी करने के लिए जल हमेशा बैठकर ही चढ़ाना चाहिए।

5 हिंदू मान्यताओं के अनुसार, शिवलिंग पर शंख के जरिए जलाभिषेक नहीं करना चाहिए क्योंकि शास्त्रों के अनुसार, भोलेनाथ ने शंखचूड़ नामक राक्षस का वध किया था और माना जाता है कि शंख इसी राक्षम से उत्पन्न हुआ है। ऐसे में भगवान शिव को शंख से जल अर्पित नहीं करना चाहिए।

(डिस्क्लेमर: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने डॉक्टर से परामर्श लें। लोकमत हिंदी इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है।)

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