Raksha Bandhan 2019: श्रावण की पूर्णिमा को हर साल मनाये जाने वाले रक्षा बंधन के त्योहार को भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक के तौर पर देखा जाता है। इस बार ये त्योहार 15 अगस्त को है। एक आम परंपरा के अनुसार रक्षा बंधन के दिन बहनें अपने भाई को राखी बांधती है और उनसे रक्षा का वचन लेती हैं। वहीं, भाई राखी बंधवाने के बाद बहन को अपने सामर्थ्य के अनुसार उपहार आदि देता है। इस बार रक्षा बंधन 15 अगस्त को यानी स्वतंत्रता दिवस के दिन पड़ रहा है।
खास बात ये है कि इस बार राखी के मौके पर भद्रा का साया नहीं है। पूरे दिन राखी बांधने का शुभ संयोग है। कई वर्षों के बाद यह पहली बार है जब रक्षा बंधन के मौके पर इतना लंबा शुभ मुहूर्त बन रहा है। राखी बांधने का शुभ मुहूर्त इस बार सुबह 5 बजकर 49 मिनट से शुरू होगा और शाम 6.01 बजे तक बहनें अपने भाई को राखी बांध सकती हैं।
चूड़ा राखी या लुंबा राखी: राजस्थान में भाभियों को भी बांधते हैं राखी
राखी का त्योहार पूरे देश में मनाने की अलग-अलग परंपरा है। राजस्थान के कई क्षेत्रों में केवल भाई को ही नहीं ननद की ओर से भाभियों को भी राखी बांधने की परंपरा है। इसे चूड़ा राखी या लुंबा राखी कहते हैं। दरअसल, भाई की शादी के बाद उसके जीवन का अहम हिस्सा उसकी पत्नी भी होती है। इसलिए ऐसा माना जाता है कि भाई का वचन भी पत्नी का वचन हुआ। यही वजह है कि रक्षा बंधन के मौके पर भाभियों को राखी बांधने की यहां परंपरा है।
महाराष्ट्र में जनेऊ बदलने की है परंपरा
महाराष्ट्र में रक्षा बंधन के त्योहार को नारियल पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन मराठी नदी या समुद्र के तट पर जाकर स्नान करते हैं और अपना जनेऊ बदलते हैं। वहीं, देश के कुछ हिस्सों में आदिवासी समुदाय के लोग इस दिन पेड़ों को रक्षा सूत्र बांधते हैं और उनकी पूजा करते हैं।
'राम जी' और 'कान्हा जी' को बांधते हैं राखी
रक्षा बंधन के मौके पर कई जगहों पर पंडितगण या भक्तगण भी अपने अराध्य को राखी या रक्षा सूत्र बांधते हैं। इनहें कान्हा जी यानी भगवान श्रीकृष्ण और भगवान राम को रक्षा सूत्र बांधने की प्रचलन सबसे ज्यादा है। भक्त भगवान को रक्षा सूत्र बांधकर अपने परिवार की खुशी और रक्षा की कामना करते हैं।