Pradosh Vrat: भाद्रपद मास का पहला प्रदोष व्रत (तेरस) आज है। भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत हर महीने के दोनों पक्षों में एक-एक बार आता है। इसे हर महीने के दोनों पक्षों के त्रयोदशी को किया जाता है। आज के प्रदोष व्रत के साथ शुभ संयोग ये है कि आज ही मासिक शिवरात्रि की तिथि चतुर्दशी की भी शुरुआत हो रही है। प्रदोष और शिवरात्रि दोनों ही व्रत में भगवना शिव और माता पार्वती सहित उनके समस्त परिवार की पूजा का विधान है।
Pradosh Vrart: प्रदोष व्रत की पूजा विधि और मुहूर्त
प्रदोष व्रत के दिन घर की साफ-सफाई सहित स्नान आदि कर भगवान शिव की पूजा की तैयारी शुरू करें। पूजा के लिए भगवान शिव के मंदिर जाएं या फिर घर पर ही पूजा करें और दिन भर उपवास रखें। पूरे घर में गंगा जल का छिड़काव जरूर करें। प्रदोष व्रत की विशेष पूजा शाम को की जाती है। इसलिए शाम को सूर्य अस्त होने से पहले एक बार फिर स्नान आदि करें। एक थाल में मिट्टी से शिवलिंग बनाये और विधिवत पूजा करने के बाद उनका विसर्जन करें। भगवान शिव की पूजा में बेल पत्र, धतुरा, फूल, मिठाई, फल आदि का उपयोग अवश्य करें। भगवान पर लाल रंग का फूल नहीं चढ़ाना चाहिए।
आज मासिक शिवरात्रि का भी व्रत
शिवरात्रि हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। सावन और फाल्गुन में पड़ने वाले शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है लेकिन मान्यता है कि हर महीने शिवरात्रि का पूजन करने से भगवान शिव की कृपा हमेशा बनी रहती है। इस बार चतुर्दशी तिथि आज यानी 28 अगस्त की आधी रात 11.28 बजे से शुरू हो रही है। ऐसे में मध्य रात्रि में भगवान शिव की आज पूजा जरूर करें। मासिक शिवरात्रि पर पूजा का मुहूर्त आज रात 12.06 बजे से 12.51 बजे तक का है। चतुर्दशी तिथि का समापन 29 अगस्त को रात 7.55 बजे होगा।