Chanakya Niti:पीएम नरेन्द्र मोदी ने 'मन की बात' में पढ़ा चाणक्य नीति का ये श्लोक, जानिए क्या है इसका मतलब
By मेघना वर्मा | Published: April 27, 2020 09:01 AM2020-04-27T09:01:30+5:302020-04-27T09:04:52+5:30
भारत के इतिहास में चाणक्य का सबसे महत्वपूर्ण स्थान है। चाणक्य अपनी नीतियों के लिए जाने जाते थे।
पूरी दुनिया इस समय कोरोना महामारी से जूझ रही है। देश में भी लॉकडाउन के बावजूद ये बीमारी अपने पैर पसारते जा रही है। कई विकसित देशों की सारी व्यवस्थाएं ठप्प हो गई हैं। वहीं भारत अभी उन सभी देशों के मुकाबले में बेहतर है। इसी बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने शो मन की बात में लोगों से बात करते हुए चाणक्य नीति का श्लोक पढ़ा।
पीएम नरेंद्र मोदी ने लोगों को सेहत के बारे में बताते हुए चाणक्य नीति के एक श्लोक से बातें पूरी की। पीएमओ ने वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए सार्थक श्लोक पढ़ा। देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा-
याद रखिये, हमारे पूर्वजों ने कहा है-
'अग्नि: शेषम् ऋण: शेषम्, व्याधि: शेषम् तथैवच। पुनः पुनः प्रवर्धेत, तस्मात् शेषम् न कारयेत।।'
इसका मतलब है, हल्के में लेकर छोड़ दी गई आग, कर्ज और बीमारी, मौका पाकर दोबारा बढ़ती है और खतरनाक हो जाती है। इसलिए उनका पूरी तरह से इलाज बहुत जरूरी है। चाणक्य की इन पंक्तियों को वर्तमान स्थिति से बिल्कुर रिलेट किया जा सकता है। इन पंक्तियों को पढ़कर पीएम मोदी लोगों से यही अपील करना चाहते थे कि वो सभी घर पर रहें। जब तक स्थिति सही नहीं होती।
कौन थे चाणक्य
भारत के इतिहास में चाणक्य का सबसे महत्वपूर्ण स्थान है। चाणक्य अपनी नीतियों के लिए जाने जाते थे। चाणक्य की नीतियों और प्रयासों के बल से चंद्रगुप्त को भारत का सम्राट बनाया गया जो आगे चलकर चंद्रगुप्त मौर्य के नाम से प्रसिद्ध हुए।
चाणक्य की नीतियां
आचार्य चाणक्य की नीतियां आज भी लोगों के लिए बहुत उपयोगी हैं। जो भी व्यक्ति इन नीतियों का पालन करता है उसे जीवन में सभी सुख-सुविधाएं और कार्यों में सफलता मिलती हैं। आचार्य चाणक्य ने लगभग हर विषय पर अपनी नीति दी है। फिर चाहे वो सेहत हो, कार्य और कर्तव्य हो या रिश्ता। इनकी दी हुई नीतियों का लोग आज भी पालन करते हैं।