Pitru Paksha 2019: जारी पितृपक्ष का हिंदू धर्म में काफी महत्व है। इस दौरान हिंदू धर्म के लोग अपने पूर्वजों का श्राद्ध और तर्पण करते हैं। मान्यता है कि इन दिनों में पू्र्वज धरती पर आते हैं। ऐसे में अन्न और वस्त्र आदि दान करना चाहिए। जो लोग इन दिनों में अपने पूर्वजों की पूजा और दान आदि नहीं करते, उनके पितर भूखे-प्यासे ही धरती से लौट जाते हैं। इससे परिवार को पितृ दोष लगता है।
नियमों के अनुसार जिन तिथियों में पूर्वजों की मृत्यु होती है, पितृ पक्ष के 16 दिनों में उस व्यक्ति का श्राद्ध उसी तिथि में किया जाना चाहिए। इस दौरान इसके कोई मायने नहीं रह जाते कि उक्त व्यक्ति की मृत्यु कृष्ण पक्ष में या फिर शुक्ल पक्ष में हुई हो।
पंचमी श्राद्ध क्या है, इस दिन किसका करें श्राद्ध
इस साल पंचमी श्राद्ध 19 सितंबर (गुरुवार) को है। इसलिए उन पूर्वजों का श्राद्ध आज जरूर करें जिनकी मृत्यु पंचमी तिथि को हुई हो। हर साल भरणी नक्षत्र भी पितृपक्ष के दौरान चतुर्थी या पंचमी तिथि को आता है। इस बार यह पंचमी को है इसलिए इसे पंचमी श्राद्ध को भरणी श्राद्ध भी कहा जाएगा। भरणी श्राद्ध के दिन उनका भी श्राद्ध करना शुभ माना गया है जिनकी मृत्यु अविवाहित रहते हुए हुई हो। शास्त्रों में कहा गया है कि भरणी श्राद्ध बहुत शुभ है। इससे गया में श्राद्ध जैसा फल मिलता है।