Phulera Dooj 2020:होली से पहले मनाया जाने वाला फुलेरा दूज का त्योहार मंगलवार (25 फरवरी) को मनाया जाएगा। मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण इस दिन राधा संग फूलों की होली खेलते हैं। ऐसे में भक्त भी उनको अबीर, गुलाल और पुष्प अर्पित करते हैं। वृंदावन, मथुरा के क्षेत्र में मुख्य तौर पर मनाये जाने वाले इस त्योहार से होली के जश्न की भी शुरुआत एक तरह से हो जाती है।
हिंदू पंचांग और कैलेंडर के हिसाब से फुलेरा दूज हर साल फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाई जाती है। यह पर्व बसंत पंचमी औसर होली के मध्य आता है। इस त्योहार के फूलों से जुड़ाव के कारण ही इसे फुलेरा दूज कहा जाता है।
Phulera Dooj: फुलेरा दूज मुहूर्त और पूजा विधि
इस बार फाल्गुन के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि की शुरुआत सोमवार रात 11 बजकर 15 मिनट से हो रही है। इसका समापन 25 फरवरी (मंगलवार) को देर रात 1 बजकर 39 मिनट पर होगा। इसलिए पूरा दिन शुभ है।
इस दिन भक्तों को सुबह स्नान आदि के बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण करने चाहिए और विधिवत भगवान कृष्ण और राधा की पूजा करनी चाहिए। उनकी मूर्ति को फूलों से सजाएं और श्रृंगार करें। श्रीकृष्ण और राधा जी पर अक्षत, रोली, धूप, गुलाल, अबीर आदि जरूर चढ़ाएं। इसके बाद भगवान को मीठे पकवान का भोग लगाए। साथ ही राधा-कृष्ण की आरती भी करें। इस दिन राधा-कृष्ण को फूलों से होली भी खेलाने की परंपरा है।
Phulera Dooj: फुलेरा दूज का महत्व
इस दिन को बेहद शुभ माना गया है। मान्यता है कि इस दिन कोई भी किसी भी समय कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है। शादी-विवाह के लिए भी फुलेरा दूज बहुत ही विशेष दिन होता है। कई घरों में फुलेरा दूज के दिन घरों में रंगोली बनाई जाती है। साथ ही इस दिन से होली की तैयारी भी शुरू हो जाती है।