Magh Mela: यहां लगती है भोलेनाथ की अदालत, मंदिर में मौजूद हैं 285 शिवलिंग! माफी मांगने के लिए उठक-बैठक लगाते हैं भक्त
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 17, 2020 10:32 AM2020-01-17T10:32:25+5:302020-01-17T10:32:25+5:30
शिव कचहरी मंदिर में सावन के अलावा माघ मेले और महाशिवरात्रि पर भक्तों की सबसे ज्यादा भीड़ जुटती है। इस मंदिर की कहानी नेपाल से भी जुड़ती है।
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प्रयागराज में लगती है भगवान शिव की कचहरी (फाइल फोटो)
भगवान शिव के ऐसे तो देश में कई अनूठे मंदिर हैं जिनकी काफी मान्यता है लेकिन संगम की नगरी प्रयागराज में भोलेनाथ का एक ऐसा मंदिर है जहां वे न्यायाधीश यानी जज के रूप में विराजते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में भगवान शिव भक्तों के कर्मों के आधार पर निर्णय और न्याय देते हैं। दिलचस्प ये भी है कि इस मंदिर में एक या दो नहीं बल्कि 285 शिवलिंग मौजूद हैं।
प्रयागराज में है 'शिव कचहरी' मंदिर
प्रयागराज में मौजूद इस मंदिर को 'शिव कचहरी' के तौर पर जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि यहां सबके दुख दर्द सुने जाते हैं और कचहरी में बैठकर भगवान शिव सभी को न्याय देते हैं। यहां आने वाले भक्त अक्सर जाने-अनजाने में हुई गलतियों के लिए मांफी मांगते हैं और प्रायश्चित करते हैं।
यहां आने वाले कई भक्त तो आपको अपनी गलती की क्षमा मांगने के लिए उठक-बैठक भी करते नजर आ जाएंगे और ये दृश्य यहां बहुत आम है। ये नदी प्रयागराज में गंगा नदी के तट पर ही स्थित है।
Shiv Kachahari: माघ मेले और महाशिवरात्रि पर लगती है भक्तों की लंबी कतार
इस मंदिर में सावन के अलावा माघ मेले और महाशिवरात्रि पर भक्तों की सबसे ज्यादा भीड़ जुटती है। इस मंदिर की कहानी नेपाल से भी जुड़ती है। ऐसा कहते हैं नेपाल के शाही परिवार ने इस मंदिर की स्थापना में अहम भूमिका निभाई। अब भी नेपाल के शाही परिवार से लोग माघ मेले और महाशिवरात्रि में यहां आते हैं।
नेपाल के शाही परिवार ने 1865 में कोटि शिव मंदिर के बगल में एक विशाल आश्रम का निर्माण कराया। इसके बाद राजा पद्माजंग बहादुर ने वहीं पर शिव कचहरी की स्थापना कराई। शिव कचहरी की स्थापना के समय सभी शिवलिंगों को नर्मदेश्वर नदी के किनारे से लाया गया था।