पद्मिनी एकादशी 2018: अधिक मास की सबसे बड़ी एकादशी आज, दान करने से मिलेगा फल

By मेघना वर्मा | Updated: May 25, 2018 07:56 IST2018-05-25T07:56:08+5:302018-05-25T07:56:08+5:30

हमारे धार्मिक ग्रंथों कि मानें तो पद्मिनी एकादशी के महत्व के बारे में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को बताया था। मलमास में अनेक पुण्यों को देने वाली एकादशी का नाम पद्मिनी है।

Padmini Ekadashi 2018: importance auspicious muhurth date time and puja vidhi | पद्मिनी एकादशी 2018: अधिक मास की सबसे बड़ी एकादशी आज, दान करने से मिलेगा फल

पद्मिनी एकादशी 2018: अधिक मास की सबसे बड़ी एकादशी आज, दान करने से मिलेगा फल

अधिक मास या पुरुषोत्तम मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी, पद्मिनी एकादशी का व्रत आज है। हिन्दू मान्यताओं की बात करें तो पुरुषोत्तम मास भगवान विष्णु को सर्मपित माना जाता है। इसी कारण से इस माह में पड़ने वाली एकादशी का अत्यधिक महत्व होता है। आज के दिन लोग पद्मिनी एकदशी का व्रत रखते हैं साथ ही विधी-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। माना जाता है कि आज के दिन व्रत करने से व्रत करने वाले व्‍यक्‍ती को बैकुंठधाम की प्राप्ति होती है। इस दिन अपने शरीर की क्षमता के अनुसार निराजल या फलाहार व्रत करना चाहिए। इस दिन अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए।

ये है शुभ मुहूर्त

पद्मिनी एकदशी 24 मई शाम 6 बजकर 18 मिनट से शुरू हो गया है वहीं इसकी समाप्ति आज यानी 25 मई को शाम 5 बजकर 47 मिनट पर हो रहा है। जो लोग इस व्रत को रख रहे हैं वो अपने व्रत का पारण 26 मई को सुबह साढ़े पांच बजे से 8 बजकर 47 मिनट पर कर सकते हैं। ध्यान देने वाली बात ये है कि इस व्रत को लोग अपनी क्षमता के अनुसार रखते हैं। जो लोग फलहारी खाना चाहते हैं वो खाते हैं। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो ये व्रत बिना किसी अन्य ग्रहण किए करते हैं। आप भी अपनी सुविधा के अनुसार ये व्रत रख सकते हैं। 

श्री कृष्ण की होती है पूजा

हमारे धार्मिक ग्रंथों कि मानें तो पद्मिनी एकादशी के महत्व के बारे में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को बताया था। मलमास में अनेक पुण्यों को देने वाली होती है ये  एकादशी। इसका व्रत करने पर मनुष्य कीर्ति प्राप्त करके बैकुंठ को जाता है, जो मनुष्‍यों के लिए भी दुर्लभ है। इस दिन जरूरतमंदों को तिल, वस्त्र, धन, फल और मिठाई आदि का दान करना चाहिए। जो लोग व्रत नहीं भी करते हों वह भी इन चीजों का दान कर सकते हैं। दान करने से भी व्रत का फल प्राप्त हो जाता है।

करें ये काम

1. श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ
2. श्री सूक्त का पाठ
3. शनि से प्रभावित लोग श्री सुन्दरकाण्ड का पाठ करें
4. ब्रम्ह मुहूर्त में श्री राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करे
5. श्री राम चरितमानस के अरण्य काण्ड का पाठ करें।
6. अन्न का सेवन मत करें
7. भगवान कृष्ण और राम जी की आरती करें।
8. भगवान कृष्ण को बांसुरी भेट करें
9. मानसिक तनाव को दूर करने के लिए श्री हनुमान चालीसा को सौ बार पाठ करें
10.  शिव उपासना करें
11. रोग से छुटकारा पाने के लिए श्री हनुमान बाहुक का पाठ करें

Web Title: Padmini Ekadashi 2018: importance auspicious muhurth date time and puja vidhi

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