लखनऊ: उत्तर प्रदेश (यूपी) में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान तेज गति से चल रहे हैं. सूबे के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा के अनुसार, राज्य में 15.43 करोड़ से अधिक (लगभग 99.93) गणना प्रपत्रों का वितरण हो चुका है. इसमें से 14.52 करोड़ से अधिक (लगभग 94.04 प्रतिशत) गणना प्रपत्रों का डिजिटलाइजेशन कर दिया गया है. राज्य के 91,441 बूथों पर एसआईआर का काम भी पूरा हो चुका है. अब तब मिली रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में एसआईआर अभियान में अनुपस्थित पाए गए, स्थानांतरित हुए, मतदाता सूची में अलग-अलग क्षेत्रों की दर्ज हुए के व्यक्ति के नाम और मतदाता सूची में दर्ज मृत व्यक्ति आदि का नाम काटा जाना है.
बताया जा रहा है, मतदाता सूची से इन लोगों के नाम हटाने के चलते मतदाता सूची से दो करोड़ से अधिक लोगों के नाम कटेंगे. एसआईआर अभियान की समीक्षा कर रहे निर्वाचन आयोग के अफसरों के मुताबिक लखनऊ, गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में यह आंकड़ा 25-30 प्रतिशत तक हो सकता है, इन जिलों में स्थानांतरित हुए लोगों की संख्या अधिक होने के कारण यह अनुमान लगाया जा रहा है.
इन तीन जिलों में पूरा हुआ SIR का कार्य
फिलहाल 11 दिसंबर तक राज्य के 15,44,30,092 मतदाताओं के गणना फार्म भरकर जमा करने के अभियान जुड़े बीएलओ आदि लोगों के घरों में पहुंच रहे हैं. निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के मुताबिक सूबे के औरैया, आजमगढ़ और एटा ने एसआईआर का शत-प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है. एटा में कुल मतदाताओं की संख्या 13 लाख 11 हजार 967 है. इस जिले की मतदाता सूची में दर्ज मृत व्यक्ति के नाम बड़ी संख्या में पाए गए हैं. अब 11 दिसंबर के बाद एटा का स्थानीय प्रशासन इन नामों को को मतदाता सूची से हटाने का काम करेगा.
इसके अलावा इन जिले में स्थानांतरित हो गए मतदाता करीब करीब 7.9 प्रतिशत पाए गए हैं. घरों में ना मिलने वाले मतदाताओं की संख्या करीब 5.7 प्रतिशत और 1.023 प्रतिशत मतदाता कहीं और दर्ज मिले हैं. एसआईआर से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि अब तक की स्थिति के अनुसार, पूरे प्रदेश में करीब 6 प्रतिशत अनुपस्थित, 10 प्रतिशत शिफ्टेड (स्थानांतरित) और 4 प्रतिशत मृतकों के नाम मतदाता सूची से हटेंगे. जिसके चलते सूबे की मतदाता सूची से करीब 2 करोड़ से अधिक मतदाताओं के नाम कट सकते हैं.
फिलहाल एसआईआर के कार्य को तय समय में पूरा करने और हर मतदाता का नाम मतदाता सूची में शामिल हो सके, इसके लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने फिर से सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे बूथों पर नियुक्त बीएलए को बीएलओ को सहयोग करने के लिए निर्देशित करें. उन्होने स्बही बीएलओ से भी यह कहा गया है कि वह एसआईआर अभियान में चिन्हित अनुपस्थित, शिफ्टेड तथा मृत मतदाताओं का एक बार फिर से गहन जांच कर लें और इसमें राजनीतिक दलों के बीएलए का सहयोग भी लें, ताकि कोई त्रुटि ना होने पाए.