Narasimha Jayanti 2020: जब अपने बेटे को दंड देना चाहता था हिरण्यकशिपु, खंभे से प्रकट हुए थे नृसिंह भगवान-ऐसे की थी भक्त की रक्षा

By मेघना वर्मा | Published: May 5, 2020 08:33 AM2020-05-05T08:33:27+5:302020-05-05T08:33:27+5:30

अमर और अजेय बनने के लिए हिरण्यकशिपु कठोर तप किया। उसने जमीन, आकाश, दिन, रात, घर के अंदर और बाहर, मानव, देवता या जानवर किसी से भी ना मरने का वरदान प्राप्त किया और लोगों पर अत्याचार करने लगा। 

Narasimha Jayanti 2020: narasimha jayanti 2020 narasimha of lord vishnu incarnated on earth, lord narasimha killed hiranykashyap, lord narasimha and prahlaad story | Narasimha Jayanti 2020: जब अपने बेटे को दंड देना चाहता था हिरण्यकशिपु, खंभे से प्रकट हुए थे नृसिंह भगवान-ऐसे की थी भक्त की रक्षा

Narasimha Jayanti 2020: जब अपने बेटे को दंड देना चाहता था हिरण्यकशिपु, खंभे से प्रकट हुए थे नृसिंह भगवान-ऐसे की थी भक्त की रक्षा

Highlightsलोक कथाओं के अनसुार जब राक्षस हिरण्याक्ष की मौत हो गई तो उसका भाई हिरण्यकशिपु दुखी हुआ।हर साल नृसिंह की जयंती मनाई जाती है।

पुराणों में जिक्र मिलता है कि जब-जब धरती पर अत्याचार हुआ है, पाप बढ़ा है तब-तब भगवान श्रीहरि ने अवतार लेकर दुष्टों और पापियों का विनाश किया है। मानव और मानवता को पापों से मुक्ति दिलाई है। इसी अत्याचार को कम करने के लिए भगवान विष्णु ने नृसिंह का अवतार लिया था। 

हर साल नृसिंह की जयंती मनाई जाती है। माना जाता है कि वैसाख माह की चतुर्दशी को नृसिंह जी ने अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए अवतार लिया था। दुनिया में हिरण्यकशिपु के बढ़ते अत्याचार के लिए उसका नाश किया था। आइए आपको बताते हैं इस साल कब है नृसिंह जयंती और क्या है भगवान विष्णु के नृसिंह अवतार की कथा-

कब है नृसिंह जयंती

नृसिंह जयंती - 06 मई
चतुर्दशी तिथि प्रारंभ - 11:22 PM-05 मई
चतुर्दशी तिथि समाप्त - 07:44 PM - 6 मई
नरसिंम्हा जयंती काल पूजा समय - 04:19 PM से 07:00 PM तक

जब कोहराम मचाने लगा हिरण्यकशिपु

लोक कथाओं के अनसुार जब राक्षस हिरण्याक्ष की मौत हो गई तो उसका भाई हिरण्यकशिपु दुखी हुआ और उसने सभी से बदला लेने की ठान ली। अमर और अजेय बनने के लिए उसने कठोर तप किया। उसने जमीन, आकाश, दिन, रात, घर के अंदर और बाहर, मानव, देवता या जानवर किसी से भी ना मरने का वरदान प्राप्त किया और लोगों पर अत्याचार करने लगा। 

पुत्र प्रहलाद था विष्णु भक्त

दैत्य हिरण्यकशिपु का पुत्र था प्रहलाद। उसके भगवान भक्ति से हिरण्यकशिपु नाराज था। अपने ही बेटे को वो इस वजह से कष्ट दिया करता था। भक्त प्रहलाद बचपन से ही श्रीहरी की अराधना करता था। एक बार प्रहलाद से नाराज होकर अपने राजदरबार में दंडित करने के लिए बुलाया।

खंभे से प्रकट हुए नृसिंह

जब प्रहलाद निडरता से सारी बातें करने लगा तो हिरण्यकशपु को और गुस्सा आ गया। क्रोध में उसने कहा कि तेरा भगवान सर्वस्व विद्यमान है तो दिखाई क्यों नहीं देता। इतना कहकर उसने अपने तलवार से एक खंभे पर जोरदार प्रहार किया और खंभे के फटते ही उसमें से भगवान नृसिंह प्रकट हुए। 

चीर डाला सीना

नृसिंह भगवान का आधा शरीर सिंह का और आधा मानव का था। उन्होंने दैत्य हिरण्यकशिपु को अपने जांघों पर लेते हुए उसके सीने को अपने नाखूनों से फाड़ दिया। और अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा की। 

Web Title: Narasimha Jayanti 2020: narasimha jayanti 2020 narasimha of lord vishnu incarnated on earth, lord narasimha killed hiranykashyap, lord narasimha and prahlaad story

पूजा पाठ से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे