Narak Chaturdashi 2019: कल है नरक चतुर्दशी, जानिए क्या है इसकी पौराणिक कथा

By मेघना वर्मा | Published: October 25, 2019 11:26 AM2019-10-25T11:26:34+5:302019-10-25T11:39:12+5:30

Narak Chaturdashi Mythological Story in Hindi: माना जाता है कि नरक चतुर्दशी के दिन व्रत करने से भगवान श्रीकृष्ण व्यक्ति को सौंदर्य प्रदान करते हैं।

Narak Chaturdashi 2019: why we celebrate Naraka Chaturdashi, know the date and history | Narak Chaturdashi 2019: कल है नरक चतुर्दशी, जानिए क्या है इसकी पौराणिक कथा

Narak Chaturdashi 2019: कल है नरक चतुर्दशी, जानिए क्या है इसकी पौराणिक कथा

Highlightsइस साल नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली 26 अक्टूबर को मनायी जाएगी।छोटी दिवाली के दिन रात में घर के बुजुर्ग पूरे घर में दिया जलाते हैं इसे पूरे घर में घुमाते हैं।

इस साल दिवाली 27 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इससे पहले आने वाली नरक चतुर्दशी को भी लोग धूम-धाम से मनाते हैं। दिवाली के आस-पास के सभी त्योहारों में चौदस का पर्व काफी महत्वपूर्ण होता है। दिवाली से एक दिन पहले मनाए जाने वाले इस पर्व को नरक चतुर्दशी या रूप चौदस या काली चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। 

हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष को मनाया जाता है। इस बार चौदस और नरक चतुर्दशी का ये त्योहार 26 अक्टूबर को मनाया जाना है। मगर क्या आप जानते हैं कि आइए आपको बताते हैं क्या है इसकी मान्यता और क्या है इसकी पौराणिक कथा। 

क्या है पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के अनुसार एक प्रतापी राजा थे। जिनका नाम रन्ति देव था। उन्होंने कभी किसी तरह का पाप नहीं किया था। उनकी आत्मा और उनका दिल एक दम साफ और शुद्ध था। जब उनकी मौत का समय आया तो उन्हें पता चला कि उन्हें नरक में जगह दी गई है। राजा ने जब इसका कारण पूछा तो यम ने कहा कि आपके द्वारा एक बार एक ब्राह्मण भूखा सो गया था। 

इस पर राजा ने यम से कुछ समय मांगा। यम ने राजा को थोड़ा समय दिया और अपने गुरू से राय लेकर राजा ने हजार ब्राह्मणों को खाना खिलाया। इस प्रक्रिया से सभी ब्राह्मण खुश हुए और उन्हें आशीर्वाद दिया। इसी के प्रकोप से राजा को मोक्ष की प्राप्ति हुई। बताया जाता है कि भोजन कराने का ये दिन कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की चौदस का दिन था। तभी से आज तक नरक निवारण चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है। 
 
सौन्दर्य की होती है प्राप्ति

माना जाता है कि नरक चतुर्दशी के दिन व्रत करने से भगवान श्रीकृष्ण व्यक्ति को सौंदर्य प्रदान करते हैं। रूप चतुर्दशी के दिन सुबह सूरज उगने से पहले उठकर तिल के तेल की मालिश और पानी में चिरचिरी के पत्ते डालकर उस पानी से नहाना चाहिए। इससे बहुत लाभ मिलता है। मान्यता ये है कि इस दिन भगवान विष्णु और भगवान कृष्ण की पूजा करना उत्तम होता है। 

रात में जलाये दीया

छोटी दिवाली के दिन रात में घर के बुजुर्ग पूरे घर में दिया जलाते हैं इसे पूरे घर में घुमाते हैं। इसके बाद इस दीये को घर से कहीं दूर छोड़ आते हैं। ऐसा करने से घर की सभी बुरी शक्तियां और नेगेटिव एनर्जी बाहर हो जाती है। 

English summary :
This year, Diwali will be celebrated on 27 October. Before this, people also celebrate Narak Chaturdashi Kali chaudas or choti diwali with great pomp and show. The festival of Chaudas is very important in all the festivals around Diwali. This festival, celebrated one day before Diwali, is also known as Narak Chaturdashi or Roop Chaudas or Kali Chaturdashi.


Web Title: Narak Chaturdashi 2019: why we celebrate Naraka Chaturdashi, know the date and history

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