Mokshada Ekadashi 2019: मोक्षदा एकादशी के दिन करें इन चीजों का दान, दूर हो जाएगी सारी परेशानी
By मेघना वर्मा | Updated: December 6, 2019 13:49 IST2019-12-06T13:49:02+5:302019-12-06T13:49:02+5:30
मोक्षदा एकादशी एक ऐसी एकादशी है जिसमें श्रीकृष्ण की पूजा भी की जाती है। हर साल पड़ने वाली मोक्षदा एकादशी के दिन गीता का पाठ करना बेहद शुभ माना जाता है।

Mokshada Ekadashi 2019: मोक्षदा एकादशी के दिन करें इन चीजों का दान, दूर हो जाएगी सारी परेशानी
हिन्दू धर्म में एकादशी को सबसे महत्वपूर्ण मनाया जाता है। महीने में दो बार आने वाली एकादशी पर लोग भगवान विष्णु की उपासना करते हैं। वहीं मार्गशीर्ष माह में पड़ने वाली एकादशी को मोक्षदा एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इस साल यह एकादशी 8 दिसंबर को पड़ रही है। इसे गीता जंयती के नाम से भी जाना जाता है।
मोक्षदा एकादशी एक ऐसी एकादशी है जिसमें श्रीकृष्ण की पूजा भी की जाती है। हर साल पड़ने वाली मोक्षदा एकादशी के दिन गीता का पाठ करना बेहद शुभ माना जाता है। इसे गीता एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन पूजा का विधान तो है ही साथ ही दान-पुण्य को भी शुभ माना गया है।
मोक्षदा एकादशी के दिन आप भी दान करके पुण्य कमा सकते हैं। सिर्फ यही नहीं मान्यता है कि इस दिन किया हुआ दान आपकी सभी परेशानियों का भी निवारण कर देता है। माना जाता है कि इस एकादशी के व्रत से पूर्वजों को मुक्ति मिलती है।
कर सकते हैं इन चीजों का दान
मोक्षदा एकादशी के दिन आप किसी जरूरतमंद या प्यासे आदमी को शुद्ध पानी से भरा घड़ा दान कर सकते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से जातक की पारिवारिक समस्या, बीमारी, क्लेश आदि से उसे निजात मिलती है। जिन लोगों ने व्रत रखा है वो ब्राह्मण को भोजन करवाकर जल से भरा कलश, फल, शक्कर, अनाज या वस्त्र दान कर सकते हैं। ऐसा करना शुभ माना जाता है।
Mokshada Ekadashi 2019 Subh Muhurat, मोक्षदा एकादशी का शुभ मुहूर्त
मोक्षदा एकादशी 2019 तिथि
8 दिसम्बर 2019
मोक्षदा एकादशी 2019 शुभ मुहूर्त
एकादशी प्रारंभ- 7 दिसम्बर 2019 सुबह 6 बजकर 34 मिनट से
एकादशी समाप्त- 8 दिसम्बर 2019 सुबह 8 बजकर 29 मिनट तक
पारण का समय- 9 दिसम्बर 2019 सुबह 7 बजकर 6 मिनट से 9 बजकर 9 मिनट तक
मोक्षदा एकादशी का महत्व
बताया जाता है कि मोक्षदा एकादशी के दिन जो भी मन से पूजन करता है उसके सभी पाप कट जाते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की तुलसी की मंजरी, धूप और दीपों से पू्जा की जाती है। कहते इस व्रत को रखने से स्वर्ग के रास्ते खुल जाते हैं। मोक्षदा एकादशी के दिन ही भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भगवद् गीता का वचन कहा था।


