Mauni Amavasya 2025: आपको रंक से राजा बना सकते हैं मौनी अमावस्या के 5 महाउपाय
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 28, 2025 15:27 IST2025-01-28T15:27:38+5:302025-01-28T15:27:38+5:30
माघ मास की अमावस्या मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि इस दिन मौन व्रत करने से ज्ञान की प्राप्ति एवं अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। साथ ही देवगण एवं पितृगण का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

Mauni Amavasya 2025: आपको रंक से राजा बना सकते हैं मौनी अमावस्या के 5 महाउपाय
Mauni Amavasya 2025: इस साल मौनी अमावस्या 29 जनवरी, बुधवार को है। हिन्दू धर्म ग्रंथों और शास्त्रों में इस दिन स्नान का विशेष महत्व बताया गया है। माघ मास की अमावस्या मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि इस दिन मौन व्रत करने से ज्ञान की प्राप्ति एवं अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। साथ ही देवगण एवं पितृगण का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस बार मौनी अमावस्या बेहद खास मानी जा रही है। क्योंकि बारह वर्षों बाद मकर राशि में सूर्य-चंद्रमा और गुरु की युति हो रही है। इस दिन पितृ दोष एवं काल सर्प दोष से जुड़े उपाय करने से जातकों को अनेकानेक लाभ प्राप्त होते हैं। आप भी ये उपाय कर इस शुभ अवसर का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। ये उपाय इस प्रकार हैं-
1. मौनी अमावस्या के दिन प्रातः काल स्नान करके। गरीब लोगों में दान करना चाहिए। शिवमंदिर में जाकर आराधान करना चाहिए। पूजा के बाद शिवजी से पितृ दोष से मुक्ति और जीवन में सुख, शांति एवं उन्नति के लिए प्रार्थना करना चाहिए।
2. मौनी अमावस्या को गंगा स्नान या घर पर बाल्टी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें। उसके बाद अपने समस्त पितरों का स्मरण करें। उनको जल में काला तिल मिलाकर तर्पण दें। तर्पण पाकर पितर खुश होते हैं। ऐसा करने से पितृ दोष दूर होता है।
3. कुंडली में कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए मौनी अमावस्या पर पितरों की आत्म तृप्ति के लिए पिंडदान, श्राद्ध कर्म आदि करना चाहिए। इसके पश्चात ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए। यह उपाय करने से कुंडली में कालसर्पदोष का प्रभाव कम होता है।
4. मौनी अमावस्या के दिन पितरों के तर्पण हेतु भोजन की व्यवस्था करनी चाहिए और फिर श्राद्ध कर्म के बाद कुत्ता और कौआ को उस भोजन का अंश दना चाहिए। उनके भोजन ग्रहण करने से पितर तृप्त होते हैं।
5. पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए माघी अमावस्या की शाम को किसी मंदिर के पास वाले पीपल के पेड़ की जड़ में जल और गाय का कच्चा दूध चढ़ाएं। उसके बाद सरसों के तेल का दीपक जला दें। यह उपाय करने से आपको लाभ प्राप्त होगा।