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Malmas 2019: मलमास के महीने में करें ये 3 उपाय, सारी परेशानियां हो जाएंगी दूर

By मेघना वर्मा | Updated: December 15, 2019 10:53 IST

मलमास को मलिन मास माना जाता है। इस महीने में हिन्दू धर्म के विशिष्ट व्यक्तिगत संस्कार जैसे नामकरण, यज्ञोपवीत, विवाह और कोई भी धार्मिक संस्कार नहीं होता है। मलिन मास होने के कारण इस महीने को मलमास भी कहा जाता है। 

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ठळक मुद्देज्योतिषाचार्य की मानें तो दिसंबर 16 से खरमास या अधिकमास शुरू हो जाएगा। जब से सूर्य बृहस्पति राशि में प्रवेश करता है तभी से खरमास या मलमास या अधिकमास प्रारंभ हो जाता है।

मलमास का महीना कल यानी 16 दिसंबर से लग रहा है। कल से सभी शुभ काम बंद हो जाएंगे। मान्यता है कि सूर्य की चाल इस पूरे महीने धीमी हो जाती है। जिसकी वजह से किसी भी शुभ कार्य को किया जाए तो वह पूर्ण रूप से पूरा नहीं होता। यही कारण है कि इस पूरे महीने किसी भी तरह के शुभ कार्य को करना ठीक नहीं माना जाता। 

हिन्दू पंचाग की मानें तो जब से सूर्य बृहस्पति राशि में प्रवेश करता है तभी से खरमास या मलमास या अधिकमास प्रारंभ हो जाता है। हिन्दू धर्म में इस महीनें को शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए इस महीने में किसी भी तरह के नए काम या शुभ काम नहीं किए जाते हैं। खरमास महीने के अपने अलग नियम होते हैं। 

मलमास को मलिन मास माना जाता है। इस महीने में हिन्दू धर्म के विशिष्ट व्यक्तिगत संस्कार जैसे नामकरण, यज्ञोपवीत, विवाह और कोई भी धार्मिक संस्कार नहीं होता है। मलिन मास होने के कारण इस महीने को मलमास भी कहा जाता है। 

कब से लग रहा है खरमास

ज्योतिषाचार्य की मानें तो दिसंबर 16 से खरमास या अधिकमास शुरू हो जाएगा। इसी दिन से सूर्य बृहस्पति में प्रवेश करेगा। जो मकर संक्रांति 2020 यानी 14 जनवरी 2020 तक चलेगा। 

मलमास में करें ये 3 उपाय

1. हिन्दू धर्म में दान-पुण्य को बेहद पवित्र बताया गया है। मलमास या खरमास के महीने में भी दान जरूर करना चाहिए। मलमास के महीने में पीले वस्त्रों का दान करना बेहद शुभ माना जाता है। भगवान विष्णु को पीला रंग बुहत भाता है इसलिए आप इस महीने पीले वस्तु या वस्त्र का दान कर सकते हैं।

2. मलमान के महीने में तुलसी पूजन का भी काफी महत्व है। इस महीने में तुलसी के पास दीपक जरूर जलाएं। इसके साथ ही  “ॐ वासुदेवाय नम:” मंत्र का जाप करते हुए तुलसी की 11 परिक्रमा करनी चाहिए। 

3. मलमास के महीने में वैसे तो किसी पवित्र कुंड या नदी में नहाने की प्रथा चली आ रही है। लेकिन अगर ऐसा संभव नहीं है तो आप अपने घर के पानी में गंगाजल मिलाकर उसी पानी से स्नान जरूर करें। कोशिश करें कि मलमास के महीने में आप ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करें।

12 दिसंबर तक ही है शुभ मुहूर्त

नवंबर से शुरू होने वाले सभी शुभ काम दिसंबर 12 तक ही किए जाएंगे। शादी के मुहूर्त की बात करें तो वह 12 दिंसबर तक ही है। इसके बाद सभी काम 15 जनवरी 2020 से शुरू होंगे।16 दिसंबर से ही खरमास या अधिकमास शुरू हो जाएगा।

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