Mahashivratri 2020: रुद्राभिषेक करने का ये है सही तरीका, प्रसन्न होंगे भगवान शिव; जानें शुभ मुहूर्त

By ज्ञानेश चौहान | Updated: February 20, 2020 14:28 IST2020-02-20T14:28:09+5:302020-02-20T14:28:09+5:30

Mahashivratri Rudrabhishek Sampurna Vidhi, Importance and Shubh Muhurat in Hindi(रुद्राभिषेक शुभ मुहूर्त, सम्पूर्ण विधि ): ऐसी मान्यता है कि रूद्राभिषेक में उपयोग किए गए गंगा जल से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं, साथ ही सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। 

Mahashivratri rudrabhishek puja rudra abhishek mantra in hindi mahashivratri rudrabhishek rudra puja sankalpa | Mahashivratri 2020: रुद्राभिषेक करने का ये है सही तरीका, प्रसन्न होंगे भगवान शिव; जानें शुभ मुहूर्त

Mahashivratri 2020: रुद्राभिषेक करने का ये है सही तरीका, प्रसन्न होंगे भगवान शिव; जानें शुभ मुहूर्त

Highlightsरुद्राभिषेक के गंगाजल को प्रसाद स्वरूप लोगों को वितरित करना फलदायी माना जाता है।इस साल महाशिवरात्रि इस साल 21 फरवरी को है।

भगवान भोलेनाथ का पावन पर्व यानी महाशिवरात्रि इस साल 21 फरवरी को है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। साथ ही भक्तों पर भगवान शिव की कृपा बरसती है। लेकिन कई लोगों को सही तरीके से भगवान शिव का रूद्राभिषेक करना नहीं आता है। तो यहां हम आपको बता रहे हैं रूद्राभिषेक करने का सही तरीका।

रूद्राभिषेक के लिए सामग्री
- गंगा जल, धूप, कपूर, पान का पत्ता, सुपारी, नारियल, गाय का घी, दीपक, पुष्प, चंदन, गंध और मौसमी फल
- दूध, दही और गन्ने का रस
- सभी सामग्रियों मंदिर के पास किसी साफ स्थान पर रखें।

रुद्राभिषेक करने का तरीका
ऊपर दी गई सभी सामग्रियां इकट्ठा होने के बाद शुभ मूहूर्त से पहले नहाकर साफ कपड़े पहन लें। रूद्राभिषेक करने के लिए सबसे पहले विघ्नहर्ता गणेश भगवान की पूजा करें इसके बाद  भगवान शिव के शिवलिंग रूप की पूजा करें। रुद्राभिषेक के समय "ओम नम: ​शिवाय" मंत्र का उच्चारण करें। मंत्र का उच्चारण करते हुए शिवलिंग का गंगा जल से अभिषेक करें। 

गंगा जल से अभिषेक करने के बाद भगवान शिव को घर पर बने व्यंजन, फल, फूल आदि अर्पित करें। इसके बाद शिव जी की आरती करें। इसके बाद शिव के परिवार यानी माता पार्वती, गणेश जी, नौ ग्रह, माता लक्ष्मी, सूर्य देव, अग्नि देव, ब्रह्म देव, पृथ्वी माता की भी वंदना करें। ऐसा करने से सही तरीके रूद्राभिषेक संपन्न होगा।

रुद्राभिषेक के गंगाजल को प्रसाद स्वरूप लोगों को वितरित करें। ऐसी मान्यता है कि रूद्राभिषेक में उपयोग किए गए गंगा जल से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं, साथ ही सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव की जटा से गंगा माता और यहीं से गंगा नदी का निर्माण हुआ। इसलिए रुद्राभिषेक के लिए शिवलिंग पर गंगा जल चढ़ाया जाता है। रूद्राभिषेक करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

महाशिवरात्रि के शुभ मुहूर्त
महाशिवरात्रि 21 फरवरी को शाम 5:20 बजे से 22 फरवरी, शनिवार को शाम 07:02 मिनट तक रहेगी।
शैव संप्रदाय के अनुसार, 21 फरवरी को शिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा।
वैष्णवों के अनुसार, 22 फरवरी को शिवरात्रि पर्व मनाया जाएगा।
शिव खप्पर पूजन 23 फरवरी यानी अमावस्या के दिन रहेगा।

English summary :
Holy festival of Lord Bholenath i.e. Maha Shivaratri is on 21 February this year. According to religious beliefs, Lord Shiva is pleased by doing Rudrabhishek on this day.


Web Title: Mahashivratri rudrabhishek puja rudra abhishek mantra in hindi mahashivratri rudrabhishek rudra puja sankalpa

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