Mahashivratri 2022: महाशिवरात्रि पर इस बार पंचग्रही योग में होगी शिव पूजा, ऐसे करें जलाभिषेक

By रुस्तम राणा | Updated: February 19, 2022 14:22 IST2022-02-19T14:22:43+5:302022-02-19T14:22:43+5:30

शिव की पूजा के दौरान धनिष्ठा नक्षत्र के साथ परिघ योग बनेगा। धनिष्ठा और परिघ योग के बाद शतभिषा नक्षत्र और शिव योग का संयोग होगा।

Mahashivratri 2022 panchgrahi yoga on Mahashivratri here are details | Mahashivratri 2022: महाशिवरात्रि पर इस बार पंचग्रही योग में होगी शिव पूजा, ऐसे करें जलाभिषेक

Mahashivratri 2022: महाशिवरात्रि पर इस बार पंचग्रही योग में होगी शिव पूजा, ऐसे करें जलाभिषेक

Mahashivratri 2022 Date: महाशिवरात्रि इस बार 1 मार्च मंगलवार को है। हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। इस दिन शिवभक्त भोलेनाथ की विधि-विधान से पूजा की जाती है। शिव मंदिरों में शिवलिंग पर जलाभिषेक किया जाता है। शिव भक्त व्रत के माध्यम से महादेव की पूजा करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इसी दिन यानी फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था।

महाशिवरात्रि पर बन रहे हैं दो शुभ संयोग

इस बार महाशिवरात्रि के दिन दो शुभ संयोग बन रहे हैं। इसके अलावा इस दिन पंचग्रही योग में शिवजी की पूजा की जाएगी। फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि  01 मार्च को तड़के 03 बजकर 16 मिनट से प्रारंभ होगी, जिसका समापन 02 मार्च को रात 01:00 बजे होगा। शिव की पूजा के दौरान धनिष्ठा नक्षत्र के साथ परिघ योग बनेगा। धनिष्ठा और परिघ योग के बाद शतभिषा नक्षत्र और शिव योग का संयोग होगा। इस योग पूजा करने से शत्रुओं का नाश होता है।  

बन रहा है पंचग्रही योग

ज्योतिष गणना के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन 12वें भाव में मकर राशि में पांच ग्रहों का योग बनेगा। शनि ग्रह की इस राशि में मंगल और शनि के साथ-साथ बुध, शुक्र और चंद्रमा ग्रह होंगे। लग्न में कुंभ राशि में सूर्य और गुरु की युति बनी रहेगी। चौथे भाव में राहु वृषभ राशि में रहेगा, जबकि केतु दसवें भाव में वृश्चिक राशि में रहेगा।

महाशिवरात्रि: भगवान शिव पर जलाभिषेक कैसे करें

महाशिवरात्रि या भगवान शिव की पूजा के लिए दूध का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। गाय के दूध का विशेष महत्व है। ये सबसे अधिक पवित्र और उत्तम माना गया है। भगवान शिव के जलाभिषेक के लिए जल में थोड़ा सा दूध मिलाकर उन्हें चढ़ाएं। मान्यताओं के अनुसार जल में थोड़ा दूध मिलाकर जलाभिषेक करने से या शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

साथ ही महाशिवरात्रि के दिन महादेव की पूजा करते समय बेल पत्र, दूध, दही, शहद, शक्कर और गंगाजल का इस्तेमाल करें। ऐसे जलाभिषेक करने से शिव भक्तों पर भगवान शंकर की कृपा बरसती है और समस्याओं से निजात मिलने की संभावना रहती है।

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