Mahakumbh 2025: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में रोजाना भक्तों का आना और पवित्र नदी में डुबकी लगाना जारी है। लाखों की भीड़ में श्रद्धालु प्रयागराज उमड़ रहे हैं। महाकुंभ स्नान में रोज स्नान के साथ ही कुछ ऐसे शुभ दिन भी है जिस दिन स्नान करना अमृत स्नान कहा जाता है।
ये दिन बहुत शुभ होता है और अब तक महाकुंभ में दो बार अमृत स्नान हो चुका है। पहला अमृत स्नान मकर संक्रांति (14 जनवरी) को हुआ था, उसके बाद दूसरा मौनी अमावस्या (29 जनवरी) को हुआ। अब, भक्त तीसरे अमृत स्नान की तैयारी कर रहे हैं, जो बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर होगा।
दुर्भाग्य से दूसरे अमृत स्नान यानि, मौनी अमावस्या के दिन भगदड़ में 30 लोगों की जान जाने के एक दिन बाद, उत्तर प्रदेश सरकार ने भीड़ को नियंत्रित करने और पवित्र आयोजन में आने वाले तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं।
बसंत पंचमी पर 'अमृत स्नान' का शुभ समय
बसंत पंचमी माघ महीने के शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन मनाई जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल पंचमी तिथि 2 फरवरी को सुबह 9:16 बजे शुरू होगी और 3 फरवरी को सुबह 6:54 बजे समाप्त होगी।
हालांकि, बसंत पंचमी के दौरान 'अमृत स्नान' 3 फरवरी को होगा और इस पवित्र स्नान के लिए ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5:23 बजे से 6:16 बजे तक होगा।
माना जाता है कि इस शुभ समय के दौरान स्नान करने से अपार आध्यात्मिक लाभ और आशीर्वाद मिलता है।
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, बसंत पंचमी पर 'अमृत स्नान' का महत्व बहुत अधिक है क्योंकि यह दिन ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक है। यह विद्या की देवी देवी सरस्वती को भी समर्पित है। इस दिन पवित्र स्नान करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे समृद्धि, शांति और व्यक्ति के जीवन से सभी पापों का नाश होता है। 'अमृत स्नान' को न केवल एक गहन शुद्धिकरण कार्य माना जाता है, बल्कि यह प्रचुर आशीर्वाद और आध्यात्मिक उत्थान भी प्रदान करता है।
महाकुंभ 2025
महाकुंभ दुनिया के सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक समागमों में से एक है, जो हर 12 साल में भारत के चार स्थानों में से एक पर आयोजित किया जाता है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस आयोजन की सुरक्षा के लिए स्थानीय पुलिस और अर्धसैनिक बलों सहित 10,000 से अधिक कर्मियों को तैनात किया है। अगली प्रमुख 'स्नान' तिथियाँ हैं: 3 फरवरी (बसंत पंचमी - तीसरा शाही स्नान), 12 फरवरी (माघी पूर्णिमा), और 26 फरवरी (महा शिवरात्रि)।