बिना किसी उपकरण इस तरह देख सकते हैं चंद्र ग्रहण, जानें ब्लड मून में क्यों हो जाता है चंद्रमा लाल
By मेघना वर्मा | Updated: July 27, 2018 13:10 IST2018-07-27T12:44:07+5:302018-07-27T13:10:12+5:30
how to watch longest blood moon without any gadgets :पूर्ण चंद्र ग्रहण का सबसे खूबसूरत नजारा तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया में पूरी तरह से होता है और यह लाल हो जाता है।

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27 जुलाई को सदी का सबसे बड़ा चन्द्रग्रहण लगने जा रहा है। यह ग्रहण इसलिए भी खास है क्योंकि यह इस साल का दूसरा ब्लड मून होगा। इस पूर्ण चंद्रग्रहण को भारत के साथ अंटार्कटिका, आस्ट्रेलिया, मध्य-पूर्व एवं दक्षिण अमेरिका, रशिया, अफ्रीका एवं एशिया में दृश्य होने के कारण भारत में भी अच्छी प्रकार से देखा जा सकेगा। सबसे बड़े इस ग्रहण की अवधि 3 घण्टे 55 मिनट की होगी। हम इस ग्रहण को साधारण आंखों से भी देख सकते हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि ब्लड मून पूरा लाल क्यों हो जाता है। आज हम आपको बताएंगे ब्लड मून के पीछे का पूरा साइंस।
27 जुलाई को एक खूबसूरत और दिव्य दृष्टि देखने के लिए पूरी दुनिया तैयार है। यह चंद्र ग्रहण दुनिया के लगभग सभी हिस्सों से दिखाई देगा। यूके में यह ग्रहण शाम के समय दिखाई देगा क्योंकि उनके समय में काफी अंतर है।
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चंद्रग्रहण को नहीं है आंख के लिए नुकसान दायक
पूर्ण चंद्रग्रहण तब लगता है जब धरती, सूर्य और चांद एक सीध में आ जाते हैं। आपको अगर यह चंद्रग्रहण देखना है तो आप बिना किसी उपकरण के आसानी से देख सकते हैं। बस इसके लिए रात को बस आकाश साफ होना चाहिए। और आपको आकाश में ग्रहण स्पष्ट दिखाई देगा। आपको चंद्र ग्रहण देखने के लिए किसी विशेष फिल्टर या सुरक्षात्मक चश्में पहनने की आवश्यकता नहीं है।सूर्य ग्रहण के विपरीत, चंद्रग्रहण आपकी आंखों के लिए नुकसानदायक नहीं है क्योंकि चंद्रमा से ग्रहण के समय कोई भी हानिकारक किरण नहीं निकलती।
क्यों हो जाता है चंद्रमा लाल
पूर्ण चंद्र ग्रहण का सबसे खूबसूरत नजारा तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया में पूरी तरह से होता है और यह लाल हो जाता है। इसने घटना को रक्त चंद्रमा या ब्लड मून के नाम से भी जाना जाता है। साइंस की माने तो इस समय चांद का लाल रंग इसलिए होता है क्योंकि सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी के वायुमंडल के माध्यम से हटा दिया जाता है। इस प्रक्रिया को अपवर्तन भी कहा जाता है और यह सूरज से पृथ्वी के पीछे की जगह में लेंस की तरह लाल रोशनी देता है। इसका असर यह होता है कि चांद पूरा का पूरा लाल हो जाता है। चंद्रमा का यह सटीक रंग पृथ्वी के वायुमंडल और उसकी परिस्थितियों पर निर्भर करता है। इसलिए चांद का रंग हल्का लाल प्रतीत होता है।
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इस शताब्दी में कितने चंद्र ग्रहण
नासा की मानें तो 21 वीं शताब्दी में कुल 230 चंद्र ग्रहण होंगे। इनमें से केवल 85 चंद्र ग्रहण होंगे। शुक्रवार की ग्रहण सदी का सबसे लंबा ग्रहण बताया जा रहा है। यह सदी के 17 वें कुल चंद्र ग्रहण होगा। अगला 21 जनवरी 201 9 को होगा।

