आज से 5 महीने तक नहीं होंगे मांगलिक कार्य, 25 नवंबर के बाद ही होंगे शुभ कार्य
By गुणातीत ओझा | Updated: July 1, 2020 15:33 IST2020-07-01T15:33:14+5:302020-07-01T15:33:14+5:30
मान्यता है कि भगवान विष्णु इस दिन से पाताल में राजा बलि के द्वार पर निवास करके कार्तिक शुक्ल एकादशी को लौटते हैं। इन चार माह में मांगालिक कार्य नहीं किए जाते हैं।

आज से पांच महीने तक नहीं होंगे मांगलिक कार्य, जान लें ये जरूरी बातें।
Devshayani Ekadashi 2020: आज देवशयनी एकादशी व्रत है। आषाढ़ शुक्लपक्ष की एकादशी को मनाई जाने वाली देवशयनी एकादशी आज मनाई जा रही है। इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु क्षीर-सागर में शयन करते है। मान्यता है कि भगवान विष्णु इस दिन से पाताल में राजा बलि के द्वार पर निवास करके कार्तिक शुक्ल एकादशी को लौटते हैं। इन चार माह में मांगालिक कार्य नहीं किए जाते हैं। चार माह बाद कार्तिक शुक्ल पक्ष प्रबोधिनी एकादशी को योग निद्रा से श्री हरि विष्णु जाग्रत होते हैं।
शुभ काम वर्जित
इन चार माह में तपस्वी भ्रमण नहीं करते बल्कि एक ही स्थान पर रहकर तपस्या करते हैं। आज के दिन से चातुर्मास शुरू हो जाएगा। 5 माह का चातुर्मास होगा। चार महीने शुभ काम वर्जित रहेंगे। देवशयनी से देवप्रबोधिनी एकादशी के बीच के समय को चातुर्मास कहा जाता है। यह भी कहा जाता है कि चातुर्मास में वर्षा ऋतु के आगमन के साथ कई तरह के कीटाणु व सूक्ष्म रोग जंतु उत्पन्न होते हैं। जल की बहुलता और सूर्य का प्रकाश भी भूमि पर काफी कम मिलता है। इसलिए इस दौरान किसी भी आयोजन-प्रयोजन से बीमारियों और अन्य दिक्कतों के बढ़ने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
हावी रहती हैं नकारात्मक शक्तियां
मान्यताओं के अनुसार जब भगवान विष्णु चार महीनों के लिए योगनिद्रा में चले जाते हैं तब पृथ्वी पर सबसे ज्यादा नकारात्मक शक्तियां हावी हो जाती हैं, इसलिए इन दिनों में धार्मिक कार्य, पूजा, हवन और जाप किए जाते हैं। चातुर्मास देवशयन के मध्य नियमों में सिर्फ यही कारण है कि आप पूरी तरह से ईश्वर की भक्ति में डूबे रहें, अधिकांश समय ईश्वर की पूजा-अर्चना करें ताकि आत्मबल को मजबूती प्राप्त हो।
जानें देवशयनी एकादशी व्रत का महत्व
हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का बहुत ही महत्व है। खास तौर पर जब आषाढ़ महीने की देवशयनी एकादशी आती है। माना जाता है जो भी इस एकादशी का व्रत रखता है और भगवान विष्णु का नाम जपता है उसके सभी तरह के पाप नष्ट हो जाते हैं और हर मनोकामना अवश्य पूरी होती है।


