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आज बुधवार के दिन इन 5 तरीकों से करें गणेश पूजन, मिट जाएंगे सारे कष्ट

By गुणातीत ओझा | Updated: July 28, 2020 23:44 IST

मान्यता है कि गणेश जी हर संकट को हरकर काम में सफलता दिलाते हैं। प्रत्येक वर्ष गणेश चतुर्थी के दिन गणेश पूजा की जाती है। लेकिन इससे अलग भी प्रत्येक बुधवार को गणेश आराधना करना आपके लिए खुशियों के द्वार खोल देगा।

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ठळक मुद्देगणेश जी हर संकट को हरकर काम में सफलता दिलाते हैं।प्रत्येक बुधवार को गणेश आराधना करना आपके लिए खुशियों के द्वार खोल देगा।

बुधवार का दिन प्रथम पूजनीय गणेश का माना जाता है। प्रत्येक शुभ कार्य में सबसे पहले भगवान गणेश की ही पूजा की जाती  है। देवता भी अपने कार्यों को सफल बनाने और पूरा करने के लिए गणेश जी की अर्चना सबसे पहले करते हैं। शास्त्रों की मानें तो भगवान शंकर त्रिपुरासुर का वध करने में जब असफल हुए, तब उन्होंने गंभीरतापूर्वक विचार किया कि आखिर उनके कार्य में विघ्न क्यों पड़ा? तब महादेव को ज्ञात हुआ कि वे गणेशजी की अर्चना किए बगैर त्रिपुरासुर से युद्ध करने चले गए थे।

इसके बाद शिवजी ने गणेशजी का पूजन करके उन्हें लड्डुओं का भोग लगाया और दोबारा त्रिपुरासुर पर प्रहार किया, तब उनका मनोरथ पूर्ण हुआ। तब से आज तक किसी भी काम की शुरूआत करने से पहले विघ्न हरता गणेश की पूजा की जाती है। मान्यता है कि गणेश जी हर संकट को हरकर काम में सफलता दिलाते हैं। प्रत्येक वर्ष गणेश चतुर्थी के दिन गणेश पूजा की जाती है। लेकिन इससे अलग भी प्रत्येक बुधवार को गणेश आराधना करना आपके लिए खुशियों के द्वार खोल देगा।

गणेश स्तुति के लिए बुधवार का दिन विशेष माना गया है। इस दिन बुध ग्रह के लिए भी आप पूजा-अर्चना कर सकते हैं। यदि किसी व्यक्ति की कुण्डली में बुध ग्रह अशुभ स्थिति में है तो बुधवार को पूजा करने से इस दोष का निवारण हो सकता है। इन खास तरीकों से गणेश पूजन करके आप अपने लिए आप अपने लिए खुशियों का द्वार खोल सकते हैं।

इन 5 तरीकों से करें विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश की पूजा 

1. सुबह स्नान करके सबसे पहले गणेश प्रतिमा (यदि किसी धातु की हो तो) को मिट्टी और नींबू से अच्छे से साफ करके पूजा स्थल पर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके लाल रंग के आसान पर विराजमान करें।

2. आप साफ आसन पर भगवान के सामने अपना मुंह करके बैठे, इसके बाद भगवान का ध्यान करते हुए पूजन सामग्री जैसे पुष्प, धूप, दीप, कपूर, रोली, मौली, लाल चंदन और मोदक आदि गणेश भगवान को समर्पित करें।

3. शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान गणेश के पूजन में तुलसी दल और तुलसी पत्र नहीं चढ़ाना चाहिए। उन्हें किसी शुद्ध स्थान से चुनी हुई दुर्वा (दूब घास) को धोकर ही चढ़ाना चाहिए।

4. भगवान गणेश को मोदक (लड्डू) प्रिय हैं इसलिए उन्हें देशी घी से बने मोदक का प्रसाद चढ़ाना चाहिए। पूजा करते समय किसी प्रकार का क्रोध न करें। यह आपके और परिवार दोनों के लिए सही नहीं रहेगा।

5. सभी चीजों को अर्पित करने के बाद भगवान गणेश का स्मरण कर ‘ऊं गं गणपतये नम:’ मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए। इस मंत्र का अर्थ है कि मैं ऐसे प्रभु का स्मरण करता हूं जो मेरे सभी दु़खों को दूर करते हैं।

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