Krishna Janmashtami 2021: कान्हा जी को पसंद हैं ये 7 चीजें, जन्माष्टमी पर पूजा में करें शामिल, मनोकामना होगी पूरी
By उस्मान | Published: August 28, 2021 08:26 AM2021-08-28T08:26:23+5:302021-08-28T08:28:25+5:30
मान्यता है कि जन्माष्टमी की पूजा में कृष्णा की प्रिय वस्तुओं को शामिल करने से ईश्वर की विशेष कृपा प्राप्त होती है
जन्माष्टमी का त्योहार हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। भगवान श्रीकृष्ण के भक्तों को इस खास दिन का बेसब्री से इंतजार रहता है। इस दिन लोग रात 12 बजे बाल गोपाल की पूजा करने के बाद व्रत खोलते हैं।
भगवान विष्णु के 8वें अवतार भगवान कृष्ण ने कंस के कारागृह में देवकी की आठवीं संतान के रूप में जन्म लिया था। इस साल जन्माष्टमी का त्योहार 30 अगस्त (सोमवार) को मनाया जाएगा।
भगवान कृष्ण को कुछ चीजें जैसे बांसुरी, मोरपंख, माखन मिसरी इत्यादि बेहद प्रिय थीं। मान्यता है कि जन्माष्टमी की पूजा में उनकी प्रिय वस्तुओं को शामिल करने से ईश्वर की विशेष कृपा प्राप्त होती है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कृष्णजी को प्रिय ऐसी 7 वस्तुएं जो जन्माष्टमी की पूजा में शामिल करना बहुत शुभ माना जाता है।
माखन मिसरी
भगवान कृष्ण को बचपन से ही माखन मिसरी बेहद प्रिय था और वह गोपियों का माखन चुराकर खाया करते थे, इस वजह से उनका एक नाम माखनचोर भी पड़ा था। जन्माष्टमी की पूजा में माखन मिसरी से कान्हाजी का भोग लगाया जाना चाहिए। इसके लिए आपको गाय के दूध का माखन और डेले वाली मिसरी का प्रयोग करना चाहिए। ये दोनों ही वस्तुएं सबसे शुभ मानी जाती हैं।
पिसा हुआ धनिया
जन्माष्टमी के पर्व के दिन कृष्णजी की पूजा में पिसे हुए धनिया का खास महत्व होता है। ज्योतिष में धनिया को धन से जोड़कर देखा जाता है। भोग प्रसाद में धनिया का प्रयोग करना आपको सुख समृद्धि प्रदान करता है। आम तौर पर लोग धनिए की पंजीरी बनाकर भगवान को भोग के रूप में अर्पित करते हैं।
मोरपंख
कृष्णजी अपने मुकुट में सदैव मोरपंख का पंख धारण करते थे। जन्माष्टमी की पूजा में मोरपंख सदैव रखना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि घर के पूजा के स्थान में सदैव मोरपंख रखने से आपके घर से हर प्रकार की नकरात्मकता दूर रहती है। साथ ही घर में लक्ष्मीजी का वास भी होता है।
पंचामृत
पंचामृत पांच वस्तुओं से मिलकर बनाया जाने वाला ऐसा पदार्थ है जिससे भगवान का भोग लगाया जाता है। पांच मेवा, दूध, दही, घी, गंगाजल और शहद से मिलकर बना पंचामृत भगवान कृष्ण के भोग के लिए सबसे अनिवार्य और उत्तम माना जाता है। जन्माष्टमी की पूजा में पंचामृत जरूर शामिल करें।
बांसुरी
जन्माष्टमी की पूजा में बांसुरी रखना जरूरी माना जाता है। मान्यता है कि बांसुरी पूजा में रखने से भगवान कृष्ण आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
गाय की मूर्ति
कान्हाजी को बचपन से ही गाय यानी कि गौमाता से खास लगाव था। वह अक्सर गाय के बछड़े के साथ खेला करते थे और गाय को चराने ले जाया करते थे। इसलिए कान्हाजी के लिए भोग प्रसाद तैयार करने में गाय के घी का प्रयोग किया जाता है। वहीं जन्माष्टमी पूजा में आप गाय की छोटी सी मूर्ति भी रख सकते हैं।
वैजयंती का फूल
जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण की पूजा में वैजयंती का फूल अगर कहीं मिल पाना संभव हो तो अवश्य लाएं। भगवान कृष्ण को यह फूल सबसे प्रिय माना जाता है। पूजा में वैजयंती का फूल चढ़ाने से कान्हाजी प्रसन्न होकर हर इच्छित वर पूरा करते हैं।