Kharmas 2020: खरमास आज से, जानिए उन कामों के बारे में जो मलमास में जरूर करना चाहिए, भगवान विष्णु हैं इसके अधिपति
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 14, 2020 07:24 IST2020-03-14T07:24:51+5:302020-03-14T07:24:51+5:30
Kharmas 2020:मलमास के अधिपति भगवान विष्णु हैं। इस कारण इस समय विष्णु मंत्रों का जाप करना बेहद शुभ माना गया है।

Kharmas 2020: खरमास की आज से होगी शुरुआत
Kharmas In March: हिंदू मान्यताओं के अनुसार सूर्य जब भी धनु या मीन राशि में प्रवेश करते हैं तब मलमास लगता है। इसे खरमास भी कहा जाता है। इस बार सूर्य 14 मार्य यानी आज से मीन राशि में प्रवेश कर रहे हैं। इसलिए आज से अगले एक महीने तक खरमास लगा होगा।
ऐसी मान्यता है कि इन करीब एक महीनों में कोई भी मांगलिक कार्यों जैसे विवाह, गृह प्रवेश आदि नहीं करने चाहिए। साथ ही नये संपत्ति, गाड़ी या कोई और ऐसी चीजों की खरीदारी भी नहीं की जानी चाहिए।
हालांकि, इन सब के बीच भगवान विष्णु की अराधना जरूर की जानी चाहिए। दरअसल मलमास के अधिपति भगवान विष्णु हैं। इस कारण इस समय विष्णु मंत्रों का जाप करना बेहद शुभ माना गया है। भगवान विष्णु ने मलमास को ये वरदान दिया है कि जब भी वह धनु या मीन राशि में आएंगे तो मलमास को पुरुषोत्तम मास मानकर पूजा जाएगा।
Kharmas Malmas In March: खरमास को कहा जाता है मलिन
शास्त्रों में मलमास या खरमास को मलिन कहा गया है। इस दौरान सभी शुभ कार्य जैसे नामकरण, यज्ञोपवीत, विवाह, गृह प्रवेश जैसे संस्कार बंद कर दिये जाते हैं। बहुमूल्य वस्तुओं की भी खरीदारी नहीं होती है। शास्त्रों के अनुसार मलमास के बाद शुभ कार्य शुरू किये जा सकते हैं।
पंचांग के अनुसार खरमास 14 मार्च को दोपहर 2 बजकर 23 मिनट पर शुरू होगा जब सूर्य देव राशि परिवर्तन करते हुए मीन में प्रवेश करेंगे। इस लिहाज से 14 मार्च से 13 अप्रैल तक खरमास होगा। इसके बाद 14 अप्रैल से तमाम मांगलिक कार्य किये जा सकेंगे।
Kharmas Malmas In March: खरमास में जरूर करें ये शुभ कार्य
खरमास के दिनों में भगवान सूर्य और श्री हरि विष्णु की अराधना करनी चाहिए। साथ ही इन दिनों में दान का महत्व बेहद विशेष हो जाता है। खरमास के दिनों में सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान आदि से निवृत्त होकर सूर्य को अर्घ्य दें और उनकी अराधना करें। ये वो समय भी होता है जब गर्मी का दौर शुरू होने लगता है। इसलिए गौसेवा करें और गाय को हरा चारा खिलाएं। पक्षियों के लिए भी दाना-पानी की व्यवस्था करें।
मलमास के समय को आत्मशोधन का भी समय कहा गया है। इसके मायने ये हुए कि मनुष्य तमाम सांसारिक कर्मों में हमेशा उलझा रहता है। ऐसे में ये दिन ऐसे होते हैं जब उसे सच्चे मन से भगवान की अराधना करनी चाहिए। यही कारण है कि सभी सांसारिक कार्यों को मलमास में करने की मनाही है।
खरमास के दिनों में जमीन पर सोना और कम से कम एक समय नीचे पत्तल बिछाकर भोजन करना चाहिए। इस दौरान तामसिक भोजन से भी दूर रहना चाहिए। इस पूरे महीने श्री विष्णु पुराण, श्रीमदभागवत पढ़ें और सुने। ऐसी मान्यता है कि मलमास में भगवान विष्णु की पूजा और अर्चना करने से अच्छे फल प्राप्त होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

