Kartarpur Sahib Corridor: करतारपुर गुरुद्वारे में दर्शन करने से पहले श्रद्धालु जान लें ये 7 कड़े नियम, दूसरा वाला है सबसे जरूरी
By मेघना वर्मा | Published: November 8, 2019 09:07 AM2019-11-08T09:07:18+5:302019-11-08T10:26:48+5:30
गुरु नानक देव जी के 550वें जन्मदिन पर यानी 12 नवंबर 2019 से पहले 9 नवंबर को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भीगुरुद्वारे में बने कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे।
भारत- पाकिस्तान बॉर्डर के नजदीक स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब, करतारपुर ( पाकिस्तान ) इस समय सभी की नजरों में बना हुआ है। सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी से संबंधित इस गुरुद्वारे में बने कॉरिडोर का गुरु नानक देव जी के 550वें जन्मदिन पर यानी 12 नवंबर 2019 से पहले 9 नवंबर को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी इसका उद्घाटन करेंगे।
उद्घाटन हो जाने के बाद भारत से बिना वीजा के ही सिख श्रद्धालु पाकिस्तान जाकर यहां दर्शन कर सकते हैं। करतारपुर साहिब इसलिए भी बेहद खास है क्योंकि गुरु नानक देव जी ने यहां अपनी आखिरी सांसे ली थी। सिर्फ यही नहीं अपने जीवन के 18 वर्ष उन्होंने यही गुजारे थे। भारतीय और पाकिस्तानी दोनों सरकारों की ओर से कॉरिडोर को मंजूरी मिली है। मगर क्या आप जानते हैं कि करतारपुर में दर्शन करने के अपने कुछ अलग नियम हैं-
आइए आपको बताते हैं भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर स्थित करतारपुर के दर्शन के लिए कौन-कौन से हैं नियम
1. 700 से अधिक सेवा केंद्रों में 1 नवंबर से करतारपुर गुरुद्वारा जाने के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुका है।
2. लुधियाना सेवा केन्द्र डिवीजनल मैनेजर की मानें तो करतारपुर साहिब गुरुद्वारे में सिर्फ 13 साल से 75 साल तक के श्रद्धालु ही दर्शन करने जा पायेंगे।
3. यहां दर्शन करने के लिए आपको वीजा की जरूरत नहीं होगी। जरूरी प्रक्रिया पूरी करने के बाद आपका रजिस्ट्रेशन फॉर्म सेवा केंद्र में अपलोड कर दिया जाएगा।
4. इसके बाद आवेदक को मैसेज के जरिए मोबाइल पर फीडबैक मिलेगा।
5. श्रद्धालु अपने साथ 7 किलों से ज्यादा वजन नहीं ले जा पाएंगे।
6. भारत से यात्रा मंजूरी मिलने के बाद श्रद्धालू को करतारपुर साहिब जाने के लिए 20 डॉलर यानी करीब 1400 रुपये शुल्क देना पड़ेगा।
7. ऑनलाइन फॉर्म भरते समय पासपोर्ट साइज फोटो, पासपोर्ट के अगले और पिछले पेज की पीडीएफ फाइल अपलोड होगी।