Kanya Pujan muhurat 2023: महाष्टमी व महानवमी के दिन इस मुहूर्त में करें कन्या पूजन, जानें संपूर्ण विधि
By रुस्तम राणा | Updated: March 28, 2023 14:15 IST2023-03-28T14:15:29+5:302023-03-28T14:15:29+5:30
महाष्टमी (29 मार्च) और महानवमी (30 मार्च) के दिन कन्या पूजन का विधान है। कन्या पूजा में नौ कन्याएं मां दुर्गा के नौ रूपों का प्रतीक हैं, जबकि कंजक भैरों का प्रतीक माना जाता है।

Kanya Pujan muhurat 2023: महाष्टमी व महानवमी के दिन इस मुहूर्त में करें कन्या पूजन, जानें संपूर्ण विधि
Chaitra Navratri Kanya Pujan 2023: चैत्र नवरात्रि पर्व का समापन कन्या पूजन के साथ किया जाता है। कन्या पूजन में नौ कन्याओं और एक कंजक को घर में बना अन्न और प्रसाद खिलाया जाता है और उन्हें भेंट स्वरूप कुछ पैसे और उपहार देकर विदा किया जाता है।
महाष्टमी (29 मार्च) और महानवमी (30 मार्च) के दिन कन्या पूजन का विधान है। कन्या पूजा में नौ कन्याएं मां दुर्गा के नौ रूपों का प्रतीक हैं, जबकि कंजक भैरों का प्रतीक माना जाता है। किंतु ध्यान रहे, दो वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक की कन्याओं का पूजन करना चाहिए।
महाष्टमी कन्या पूजन मुहूर्त 2023
महाष्टमी तिथि प्रारंभ - 28 मार्च, शाम 7: 02 बजे से
महाष्टमी तिथि समाप्त - 29 मार्च, रात 9:07 बजे तक
कन्या पूजन मुहूर्त - 29 मार्च, दोपहर 12: 13 बजे तक। इस दौरान शोभना योग रहेगा।
महानवमी कन्या पूजन मुहूर्त 2023
महानवमी तिथि प्रारंभ - 29 मार्च, रात 9:07 बजे से
महानवमी तिथि समाप्त - 30 मार्च, रात 11:30 बजे तक
कन्या पूजन मुहूर्त - अभिजीत मुहूर्त- 30 मार्च, सुबह 11:45 से दोपहर 12:30 बजे तक
कन्या पूजन से पहले करें ये सामग्री एकत्र
स्वच्छ जल, साफ कपड़ा, कलावा, चावल, फूल, चुनरी, फल, मिठाई, भोजन सामग्री, हलवा पूड़ी और चना का प्रसाद, उपहार, आरती की थाल
कन्या पूजन की संपूर्ण विधि
1. स्नानआदि करके भगवान गणेश और महागौरी की पूजा करें।
2. कन्या पूजन के लिए 9 कन्याओं को और एक कंजक को आमंत्रित करें।
3. सभी कन्याओं का स्वच्छ जल से हाथ-पैर धुलाएं और साफ कपड़े से पोछें।
4. उनके माथे पर कुमकुम और अक्षत का टीका लगाएं।
5. इसके बाद कन्याओं के हाथ में मौली या कलावा बाधें।
6. एक थाली में घी का दीपक जलाएं और सभी कन्याओं की आरती उतारें।
7. आरती करने के बाद सभी कन्याओं को भोग लगाएं और खाने में पूड़ी, चना और हलवा जरूर खिलाएं।
8. भोजन के बात अपनी सामर्थ अनुसार उन्हें भेंट दें।
9. अंत में कन्याओं का पैर छूकर उनसे आशीर्वाद जरूर लें और उन्हें विदा करें।