Kalashtami, Kala Bhairava Ashtami, 2019: रात 12 बजें करें कालभैरव के इन 2 मंत्रों का जाप, बन जाएंगे सारे बिगड़े काम
By मेघना वर्मा | Updated: November 17, 2019 09:04 IST2019-11-17T09:00:37+5:302019-11-17T09:04:31+5:30
भैरव जयंती ही नहीं बल्कि रविवार के दिन नहा-धोकर कालभैरव के इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं। 108 बार इस मंत्र का जाप करना चाहिए।

Kalashtami, Kala Bhairava Ashtami, 2019: रात 12 बजें करें कालभैरव के इन 2 मंत्रों का जाप, बन जाएंगे सारे बिगड़े काम
भगवान शिव के स्वरूप भैरव की पूजा करने से समस्त तरीके के कष्ट दूर हो जाते हैं। कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का व्रत किया जाता है। इसे कालभैरव जयंती के नाम से भी जाना जाता है। इस साल कालाष्टमी 19 नवंबर को पड़ रही है। इस दिन भक्त कालभैरव की उपासना करते हैं।
मान्यता है कि भैरव भगवान शिव से ही प्रकट हुए हैं। भैरव बाबा को भगवान शिव का ही रूप बताए जाते हैं। भैरव जयंती के दिन मां दुर्गा की पूजा का भी विधान है। काल भैरव को प्रसन्न करने के लिए आप मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं। यहां हम आपको काल भैरव के कुछ मंत्र बताने जा रहे हैं। जिन्हें इस कालाष्टमी आपको जरूर पढ़ना चाहिए।
कालाष्टमी का महत्व
माना जाता है कि भैरव जी की पूजा से भूत, पिशाच एंव काल हमेशा दूर रहते हैं। मान्यता है कि अगर सच्चे मन से भैरव बाबा की पूजा की जाए तो उनके सभी कष्टों का नाश होता है। साथ ही लोगों के रुके हुए काम भी बन जाते हैं। आप भी कालाष्टमी का व्रत पूरे विधि-विधान से कर सकते हैं। मान्यता है कि भैरव बाबा की पूजा रात को 12 बजे करनी चाहिए। इससे तुरंत फल की प्राप्ति होती है।
कालाष्टमी का शुभ मुहूर्त
कालाष्टमी तिथि - 19 नवंबर
कालाष्टमी प्रारंभ - 3:35 PM
कालाष्टमी समाप्त - 1:41 PM (20 नवंबर)
करें इन दो मंत्रों का जाप
कहते है भगवान भोले के स्वरूप काल भैरव की उपासना करने से सभी बाधाएं और रुके हुए काम बन जाते हैं। इसके लिए आप
ऊं हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नम:
या
॥ऊं भ्रं काल भैरवाय फ़ट॥
।। ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नम:।।
|| ॐ भयहरणं च भैरव: ||
शत्रु बाधा निवारण हेतु -
ऊं ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं।
का जाप कर सकते हैं। सिर्फ भैरव जयंती ही नहीं बल्कि रविवार के दिन नहा-धोकर कालभैरव के इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं। 108 बार इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
कालाष्टमी की पूजा विधि
1. कालाष्टमी के दिन रात में पूजा करना शुभ होता है।
2. भैरव बाबा की पूजा करने से पहले उन्हें जल अर्पित करना चाहिए।
3. इसके बाद साफ जगह पर बैठकर भैरव कथा का पाठ करना चाहिए।
4. बाद में भगवान-शिव और माता पार्वती की पूजा करना चाहिए।

