Janmashtami 2023: कृष्ण जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल को लगाए इन चीजों का भोग, प्रसन्न हो जाएंगे कन्हा जी
By अंजली चौहान | Published: September 5, 2023 03:35 PM2023-09-05T15:35:35+5:302023-09-05T15:39:52+5:30
कृष्णजन्माष्टमी लगभग आ गई है। यहां 10 भोग वस्तुएं हैं जो आप इस दिन भगवान कृष्ण को अर्पित कर सकते हैं।
Janmashtami 2023: भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के प्रतीक के रूप में हर साल जन्माष्टमी मनाई जाती है। यह त्यौहार भाद्रपद के श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।
इस वर्ष यह त्योहार द्रिकपंचांग के अनुसार दो तिथियों पर मनाया जा रहा है - 6 सितंबर और 7 सितंबर। कहा जाता है कि भगवान कृष्ण का जन्म इसी दिन रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। अष्टमी तिथि 6 सितंबर, 2023 को शाम 15:37 बजे पड़ेगी और 7 सितंबर, शाम 4:14 बजे समाप्त होगी।
जन्माष्टमी के दिन तरह-तरह से इस त्योहार को मनाया जाता है। भगवान कृष्ण का प्रसिद्ध भोग 56 भोग भी मंदिरों में चढ़ाया जाता है। भोग में विशेष रूप से दूध से बनी चीजें शामिल करते हैं क्योंकि वे भगवान कृष्ण की पसंदीदा हैं।
हालांकि, अगर आप घर में जन्माष्टमी की पूजा-अर्चना कर रहे हैं तो आपको कन्हा जी को भोग अर्पित करते समय किन्ही बातों का ध्यान रखना चाहिए। अगर आप चाहते हैं कि भगवान की कृपा आप पर बनी रहे हैं तो आप कृष्ण भगवान के इन 10 भोग को जरूर अर्पित करें।
1- माखन मिश्री
बाल-गोपाल का सबसे पसंदीदा व्यंजन माखन मिश्री है। इसे बनाना बहुत आसान है। इसके लिए आप थोड़ी सी मिश्री लें और उसे ताजे सफेद मक्खन में मिला लें। खुशबू के लिए आप इसमें थोड़ी गुलाब का अरक डाल दें।
2- धनिया पंजीरी
धनिये के बीजों को हल्की सुगंध आने तक गर्म करे और फिर पीसकर पाउडर बना ले। इसके बाद दूसरी कड़ाही में घी गर्म करें और इसमें सूखे मेवे, चीनी, इलायची पाउडर और इलाइची डालें और धनिया पाउडर के साथ मिलाएं। आपकी धनिया पंजीरी तैयार है।
3- मोहन भोग
मोहन भोग को तैयार करने के लिए कढ़ाई में घी डालिये, सूजी डालिये और महक आने तक भूनिये। एक अलग पैन में दूध उबालें और इसे भुनी हुई सूजी में डालकर लगातार हिलाते रहें ताकि गांठ बनने से बचा जा सके। चीनी, इलायची पाउडर, केसर के धागे और कटे हुए मेवे डालें। जब तक मिश्रण गाढ़ा न हो जाए और पैन के किनारे न छोड़ दे, तब तक कुछ और पकाएं।
4- पेड़ा
मथुरा में भगवान कृष्ण को पेड़े का भोग जरूर लगाया जाता है। इसके लिए थोड़ा सा खोया लें, उसमें पिसी हुई चीनी मिलाएं और धीमी आंच पर लगातार चलाते हुए पकाएं। अतिरिक्त स्वाद और खुशबू के लिए, इलाइची और केसर डालें। जब स्थिरता पर्याप्त गाढ़ी हो जाए, तो मिश्रण को अपने पसंदीदा आकार और साइज़ के पेड़े का आकार दें। कटे हुए सूखे मेवों से सजाएं।
5- घेवर
बेसन, घी और पानी मिलाकर चिकना घोल बना लें। फिर बैटर को डिस्क आकार में गर्म घी में डाला जाता है और कुरकुरा और सुनहरा होने तक पकाया जाता है। फिर इसे चीनी की चाशनी में भिगोया जाता है और ऊपर से मेवे, केसर और मसाले डाले जाते हैं।
6- पंचामृत
दूध, दही, शहद, घी और चीनी को बराबर मात्रा में लेकर एक कंटेनर में मिला लें। सभी सामग्रियों को एक साथ तब तक मिलाएं जब तक वे अच्छी तरह से मिल न जाएं और मुलायम न हो जाएं। पंचामृत भोग लगाने के लिए तैयार है।
7- जलेबी
जलेबी बनाने के लिए एक चिकना घोल बनाने के लिए दही के साथ मैदा या मैदा मिलाएं। इसे कुछ घंटों या रात भर के लिए किण्वित करें। चाशनी बनाने के लिए चीनी और पानी को उबाल लें। चाशनी को इलायची या केसर से स्वादिष्ट बनाया जा सकता है। एक कढ़ाई में तेल गर्म करें और उसमें बैटर को कोन से डालकर सर्पिल आकार बनाएं। सुनहरा होने तक डीप फ्राई करें। अतिरिक्त तेल निकाल दें और तली हुई जलेबियों को तुरंत गर्म चीनी की चाशनी में भिगो दें। इसे भगवान कृष्ण को उनके जन्मदिन पर अर्पित करें।
8- मोतीचूर के लड्डू
मोतीचूर के लड्डू बनाने के लिए एक चिकना घोल तैयार करने के लिए बेसन और पानी को मिलाया जाता है और उसे मोतीचूर बनाने के लिए किसी छोटे छेद वाले बर्तन से छानकर तल लें। बनाने के लिए घोल के छोटे हिस्से को गर्म तेल में डाला जाता है। फिर उन्हें गर्म चीनी की चाशनी में भिगोया जाता है। फिर इन बूंदियों को मेवे, इलायची, सूखे मेवे और घी के साथ मिलाया जाता है, और फिर गर्म होने पर ही उन्हें लड्डू का आकार दिया जाता है।
9- रसगुल्ला
छैना निकालने के लिए दूध को उबालें और उसमें नींबू का रस मिलाकर फेंट लें। छैना को चिकना होने तक मसलिये और फिर छोटी-छोटी गोलियां बनाकर हल्का सा चपटा कर लीजिये। चाशनी या चाशनी बनाने के लिए चीनी और पानी को उबाल लें। बॉल्स को चाशनी में डालें, ढक दें और स्पंजी होने तक पकाएँ।
10- मखाना पाग
मखाने को घी में कुरकुरा और सुनहरा होने तक भून लीजिए। एक अलग बर्तन में एक तार की चाशनी बनाएं। भुने हुए मखाने को चाशनी में मिलाएं, इलायची पाउडर डालें और ठंडा होने दें। इसके टुकड़े-टुकड़े कर दो। कुरकुरा मखाना पाग भगवान कृष्ण को अर्पित करने के लिए तैयार है।
(डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी सामान्य ज्ञान पर आधारित है। लोकमत हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है कृपया किसी भी मान्यता के मानने से पहले इसकी पुष्टि विशेषज्ञ द्वारा अवश्य कर लें।)