आज खुलेगा जगन्नाथ मंदिर का खजाना, जानिए 12वीं सदी के इस खजाने में क्या है खास

By मेघना वर्मा | Published: April 4, 2018 10:43 AM2018-04-04T10:43:15+5:302018-04-04T11:39:56+5:30

इस रत्न भंडार के 7 में से सिर्फ 3 चैम्बरों को ही खोला गया था। ख़ास बात ये है की किसी को नहीं पता की बचे 4 चैम्बरों में क्या रखा हुआ है।

Jagannath Temple's Officers enter to a ratna bhandar of puri's Jagannath Temple | आज खुलेगा जगन्नाथ मंदिर का खजाना, जानिए 12वीं सदी के इस खजाने में क्या है खास

आज खुलेगा जगन्नाथ मंदिर का खजाना, जानिए 12वीं सदी के इस खजाने में क्या है खास

भारत में ऐसे बहुत से मंदिर हैं जो अपने रहस्यों के लिए जाने जाते हैं। कई ऐसे मंदिर भी स्थित हैं जहां आज भी सदियों पुराना खाजाना गड़े होने की उम्मीद जताई जाती है। ऐसे ही मंदिरों में शामिल 12 वीं सदी का जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार का आज निरिक्षण किया जायेगा। आपको बता दें की ओडिशा के पूरी में स्थित इस मंदिर में 34 साल बाद रत्नों के भंडार को खोला जाएगा। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक पीके जेना ने यह जानकारी दी। इस खजाने का मुआयना करने वाले सिर्फ 10 लोगों को ही मंदिर के तहखाने में जाने की इजाजत होगी जो सिर्फ लंगोटी पहन कर ही खजाना घर में प्रवेश करेंगे।

1984 में हुआ था आखिरी बार निरिक्षण

जगन्नाथ मंदिर के रत्न भण्डार में देवी-देवताओं के बेशकीमती जेवर और आभूषण रखे जाते हैं। पिछली बार इस रत्न भंडार का निरिक्षण 1984 में किया गया था। तब इस रत्न भंडार के 7 में से सिर्फ 3 चैम्बरों को ही खोला गया था। ख़ास बात ये है की किसी को नहीं पता की बचे 4 चैम्बरों में क्या रखा हुआ है। आज यानी 4 अप्रैल को लगभग 34 साल बाद फिर से इस मंदिर के रत्न भंडार का निरिक्षण किया जायेगा। 

बेशकीमती सामानों का नहीं किया जाएगा आंकलन

श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक पीके जेना के अनुसार, 10 सदस्यीय एक समिति द्वारा 4 अप्रैल को रत्न भंडार (कोषागार) के तल, छत और दीवार की भौतिक स्थिति का निरीक्षण किया जाएगा। पीके जेना ने स्पष्ट कहा कि निरीक्षण के दौरान रत्न भंडार के भीतर रखे आभूषणों और अन्य बेशकीमती सामानों का आकलन नहीं किया जाएगा बल्कि उसकी दीवारों और छतों का सिर्फ दृश्य निरीक्षण किया जाएगा।

इससे पहले भी मंदिरों से मिले हैं करोड़ों के खजाने

तिरुपति बालाजी और पद्मनाभ मंदिर में भी सोने और हीरे के जेवरात का खज़ाना है जो भक्तों द्वारा भगवान को अर्पित किया गया है। बता दें कि इससे पहले यह 1984, 1978, 1926 और 1905 में खोला गया था। मंदिर के अधिकारियों को कोषागार की चाबी उसी दिन पुरी स्थित सरकारी कोषागार से मिलेगी। जगन्नाथ मंदिर पुरी में स्थित है और हिन्दुओं के चार धामों में से एक है। तीन अन्य धाम बद्रीनाथ, द्वारका और रामेश्वरम हैं।  

मंदिर से जुडी ये हैं खास बात

1. इस मंदिर के ऊपर फहराता हुआ ध्वज हमेशा हवा के विपरीत दिशा लहराता है।
2. पुरी के हर मंदिर के शीर्ष पर सुदर्शन चक्र ही मिलता है। यह परंपरा का रहस्य किसी को नहीं पता है।
 3. कहते हैं कि जगन्नाथ मंदिर के ऊपर कोई चिड़िया भी नहीं उड़ती है।
4. इस मंदिर के ऊपर से हवाई जहाज या हेलिकॉप्टर उड़ाना निषिद्ध है।
5. इस मंदिर के शिखर की छाया सदैव अदृश्य रहती है।
6. कहते हैं मंदिर की रसोई घर में कभी भोजन की कमी नहीं होती है, चाहे कितने ही श्रद्धालु यहां भोजन करें।

Web Title: Jagannath Temple's Officers enter to a ratna bhandar of puri's Jagannath Temple

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