जैन समुदाय के लिए क्यों खास होता है 'रोहिणी व्रत'

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: December 31, 2017 12:15 IST2017-12-31T10:43:20+5:302017-12-31T12:15:52+5:30

माना जाता है कि इस व्रत से सभी प्रकार के दुख और परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है। 

importance of rohini nakshatra | जैन समुदाय के लिए क्यों खास होता है 'रोहिणी व्रत'

जैन समुदाय के लिए क्यों खास होता है 'रोहिणी व्रत'

रोहिणी व्रत जैन समुदाय का एक खास व्रत होता है। इस बार रोहिणी व्रत 31 दिसंबर  यानि रविवार को पड़ रहा है। साल का अंतिम दिन रोहिणी व्रत रखने वालों के लिए खास माना जा रहा है। वैसे इस व्रत को जैन धर्म के लोग किया करते थे, लेकिन इस व्रत के प्रभाव से कई अन्य समुदाय और धर्म के लोग भी व्रत रखने लगे। माना जाता है कि इस व्रत से सभी प्रकार के दुख और परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है। 

क्यों खास है रोहिणी व्रत 

यह व्रत खास महिलाओं के लिए होता है। यह व्रत रोहिणी व्रत पति की लंबी उम्र के लिए किया जाता है। व्रत में दान देना शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि 27 नक्षत्रों में शाम‍िल रोह‍िणी नक्षत्र के द‍िन यह व्रत क‍िया जाता है। रोहिणी नक्षण की वजह से ही इसे रोहिणी व्रत कहते हैं। 
 

कैसे रखें रोहिणी व्रत

रोहिणी व्रत को एक निश्चित समय में किया जाता है। अगर आप इस व्रत रखते हैं तो इसे 3 साल, 5 साल या 7 साल तक लगातार करना होगा। इस व्रत के सिए सबसे पहले सुबह उठकर नहा-धो कर वासुपूज्य की पूजा की जाती है। इस दिन वासुपूज्य देव की अराधना करने के बाद गरीबों को दान देने की प्रथा भी है।

व्रत की पूजा के दौरान जातक मां से यह प्रार्थना करता है उसके द्वारा की गई सभी गलतियों को वे माफ करें और उसके जीवन में बने सभी कष्टों का हरण करें। इस व्रत के दौरान पूरे दिन भूखा रहना होता है। 

Web Title: importance of rohini nakshatra

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