शिरडी में सांई बाबा के दिखने की फैली अफवाह, तस्वीरें तेजी से हो रही हैं वायरल
By मेघना वर्मा | Published: July 14, 2018 09:37 AM2018-07-14T09:37:23+5:302018-07-14T09:37:23+5:30
बुधवार से ही लोगों के बीच सांई बाबा को देखने का क्रेज इतना बढ़ गया कि लगातार लोग यहां आए ही जा रहे है।
कहते है भारत के लोगों में इतनी श्रद्धा है कि वह किसी भी चीज में भगवान को ढूंढ लेते हैं। ऐसी ही एक और घटना महाराष्ट्र के शिरडी में देखने को मिली। जिसकी चर्चा आज तक है। मंदिर परिसर में अचानक ही यह अफवाह उड़ी की सांई बाबा साक्षात दिखाई देने लगे। लोगों को दावा है कि मंदिर की एक दीवार पर सांई बाबा की तस्वीर उभर आई है। इसके बाद से ही लगातार मंदिर में भीड़ बढ़ने लगी। मीडिया रिपोर्टस की मानें तो इस अफवाह का लोगों पर इतना असर पड़ा कि लोग दूर-दराज से साक्षात बाबा शिरडी के दर्शन के लिए चले आए। भीड़ इतनी बढ़ गई है कि बुधवार यानी 11 जुलाई से अभी तक मंदिर के कपाट बंद नहीं हुए हैं।
जब रोने लगे भक्त
माहाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में शिरडी के सांई बाबा का मंदिर है। जहां हर साल देश-विदेश से लोग दर्शन के लिए आते हैं। रोजना यहां करीब 25 हजार श्रद्धालुओं को तांता लगता है। बुधवार रात फैली इस अफवाह की वजह से लोगों की संख्या में तेजी से वृद्धी हो गई। नौबत यहां तक आ गई की बुधवार से मंदिर के कपाट तक बंद नहीं हो पाए। कुछ भक्त जहां दीवार को देखकर भाव-विभोर हो गए वहीं कुछ उसपर उभरे सांई बाबा के चेहरे को देखकर रोने लगे।
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फोटो के साथ बनाने लगे वीडियो
बुधवार से ही लोगों के बीच सांई बाबा को देखने का क्रेज इतना बढ़ गया कि लगातार लोग यहां आए ही जा रहे है। मंदिर में दर्शन के बाद लोग इस दीवार के दर्शन कर रहे हैं और ना सिर्फ उस दीवार की फोटो ले रहे हैं बल्कि वीडियो भी बना रहे हैं। आपको बता दें सांई बाबा के भक्तों की संख्या सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है। यही कारण है कि साल भर यहां लोग दर्शन के लिए आते हैं। बता दें मंदिर के अंदर बाबा की मूर्ति सोने के सिंहासन पर स्थापित है। जिसे यहां चढ़ावे के पैसों से बनवाया गया था। मंदिर परिसर कुल 200 वर्ग मीटर पर फैला है।
28 सितंबर को मनाया जाता है जन्मदिन
शिरडा के सांई बाबा आध्यात्मिक गुरू थे जिनको उनके भक्त फकीय या सतगुरू कह कर बुलाते थे। बताया जाता है कि वह हिंदू और मुस्लिम दोनों के थे लेकिन यह साफ नहीं है कि वह हिंदू थे या मुस्लिम। माना जाता है कि 28 सितंबर 1836 को हुआ था। इसलिए हर साल 28 सितंबर को सांई जन्मोत्सव मनाया जाता है।