लाइव न्यूज़ :

“स्वाहा” के बिना पूरा नहीं होता है हवन, जानें क्या है इसका महत्व

By गुणातीत ओझा | Updated: October 5, 2020 21:29 IST

हर धार्मिक अनुष्ठान के अंत में हवन जरूर होता है। अगर आप हवन और यज्ञ से परिचित हैं तो आप यह भी जरूर जानते होंगे की यज्ञ में आहुति देते हुए स्वाहा बोला जाता है।

Open in App
ठळक मुद्देघर में यज्ञ करवाने से घर में सकारात्मकता ऊर्जा का प्रवेश होता है।ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक हवन की आहुति को स्वाहा कहे बिना पूरा नहीं माना जाता।

हर धार्मिक अनुष्ठान के अंत में हवन जरूर होता है। अगर आप हवन और यज्ञ से परिचित हैं तो आप यह भी जरूर जानते होंगे की यज्ञ में आहुति देते हुए स्वाहा बोला जाता है। घर में यज्ञ करवाने से घर में सकारात्मकता ऊर्जा का प्रवेश होता है। कहते हैं कि स्वाहा अग्नि देव की पत्नि हैं जिस कारण हवन में आहुति देते समय स्वाहा मंत्र का उच्चारण किया जाता है। हिन्दुओं के लिए यज्ञ और हवन का बड़ा महत्व है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक हवन की आहुति को स्वाहा कहे बिना पूरा नहीं माना जाता।

क्यों बोला जाता है स्वाहापाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर के निदेशक ज्योतिषविद् एवं कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि कोई भी यज्ञ तब तक सफल नहीं माना जा सकता है जब तक कि हवन का ग्रहण देवता न कर लें। देवता हवन को तभी ग्रहण करते हैं जब हवन सामग्री को अग्नि के द्वारा स्वाहा के माध्यम से अर्पण किया जाए। जिस पर आज हम आपको कथा सुनाने जा रहे हैं। पौराणिक कथा के अनुसार स्वाहा दक्ष प्रजापति की पुत्री थीं। जिसकी शादी अग्निदेवता के साथ हुई। अग्निदेव अपनी पत्नी स्वाहा के माध्यम से ही हविष्य ग्रहण करते हैं तथा उनके माध्यम से यही हविष्य आह्वान किए गए देवता को प्राप्त होता है।

मिला था स्वाहा को वरदानइसी के साथ दूसरी कथा है कि अग्निदेव की पत्नी स्वाहा के पावक, पवमान और शुचि नामक तीन पुत्र हुए। बता दें कि भगवान श्रीकृष्ण ने स्वाहा को वरदान दिया था कि उसके नाम से देवता हविष्य को ग्रहण कर पाएंगे। इसलिए हवन के समय स्वाहा मंत्र का उच्चारण किया जाता है।

हर धार्मिक अनुष्ठान के अंत में हवन जरूर होता है। अगर आप हवन और यज्ञ से परिचित हैं तो आप यह भी जरूर जानते होंगे की यज्ञ में आहुति देते हुए स्वाहा बोला जाता है। घर में यज्ञ करवाने से घर में सकारात्मकता ऊर्जा का प्रवेश होता है। कहते हैं कि स्वाहा अग्नि देव की पत्नि हैं जिस कारण हवन में आहुति देते समय स्वाहा मंत्र का उच्चारण किया जाता है। हिन्दुओं के लिए यज्ञ और हवन का बड़ा महत्व है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक हवन की आहुति को स्वाहा कहे बिना पूरा नहीं माना जाता।

टॅग्स :धार्मिक खबरें
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठTulsi Vivah 2025: तुलसी विवाह के लिए ये हैं 7 भोग जो सौभाग्य की देते हैं फुल गारंटी

पूजा पाठप्रेरणा: प्रेमानंद महाराज से सीखें मन को नियंत्रित करने की कला

पूजा पाठLord Shiva: भोलेनाथ के अचूक 'शिव महिम्न: स्तोत्र' के पाठ से होती है सुखों की प्राप्ति, जानिए इस पाठ की महिमा

पूजा पाठLord Ganesh: गणपति क्यों करते हैं मूसक की सवारी, क्या है भगवान गणेश के दिव्य वाहन की कथा, जानिए यहां

पूजा पाठHanuman Jayanti 2024: पंचमुखी हनुमान के पूजन से दूर होता है भय, बढ़ता है आत्मविश्वास, जानिए रुद्रावतार के इस महास्वरूप की कहानी

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठPanchang 04 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 04 December 2025: आज वित्तीय कार्यों में सफलता का दिन, पर ध्यान से लेने होंगे फैसले

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 03 December 2025: आज इन 3 राशि के जातकों को मिलेंगे शुभ समाचार, खुलेंगे भाग्य के द्वार