जब कभी किसी पर अचानक कोई संकट आ जाए तो वो मन ही मन भगवना हनुमान का नाम पुकारने लगता है। भगवान हनुमान अपने भक्तों का संकट हरने के लिए जाने जाते हैं। इसीलिए उन्हें संकट मोचन भी कहा जाता है। भक्त अपने ईष्ट देव हनुमान को मनाने के लिए उनकी उपासना करते हैं।
हनुमान जी जन्म से ही दिव्य और विशेष रहे हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार बजरंगबली का जन्म चैत्र पूर्णिमा को मंगलवार के दिन चित्र नक्षत्र व मेष लग्न के योग में हुआ था। इस साल पवन पुत्र का जन्मोत्सव 8 अप्रैल को मनाया जाएगा। सभी के कष्ट हरने वाले अष्टसिद्धियों के दाता हनुमान जी को देवताओं ने कई वरदान दिए थे। आइए जानते हैं इनके बारे में-
1. पौराणिक मान्यताओं और लोक कथाओं के अनुसार भगवान सूर्य ने हनुमान जी को अपने तेज का सौवां भाग दिया था। जिसे देते हुए उन्होंने कहा था कि जब इसमें शास्त्र अध्ययन करने की शक्ति आ जाएगी तब मैं इसे शास्त्रों का ज्ञान दूंगा। शास्त्रज्ञान में इसके समान और कोई नहीं होगा।2. धर्मराज यम ने हनुमान को सदैव अवध्य और निरोग होने का वरदान दिया।
इस साल हनुमान जन्मोत्सव 8 अप्रैल को मनाया जाएगा। इस दिन ना सिर्फ भगवान हनुमान की विधि-विधान से पूजा होती है बल्कि लोग अपने घरों में पाठ का भी आयोजन करवाते हैं। हनुमान जी पवन पुत्र के नाम से भी जाने जाते हैं। वैसे तो हनुमान चालीसा पढ़कर सभी भक्त अपने कष्ट को मारुति भगवान को सुनाते हैं। मान्यता है कि सिर्फ हनुमान चालिसा का पाठ करने से सभी तरह के कष्ट दूर हो जाते हैं।