Gupt Navratri: गुप्त नवरात्र आषाढ़ माह में इस बार 3 जुलाई से, जानिए इससे जुड़ी पौराणिक कथा और महत्व

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 24, 2019 14:32 IST2019-06-24T14:32:06+5:302019-06-24T14:32:06+5:30

शारदीय और चैत्र नवरात्र की तरह ही गुप्त नवरात्र में कलश स्थापना की जाती है। नौ दिन तक व्रत का संकल्प लेकर प्रतिदिन सुबह-शाम मां दुर्गा की अराधना इस दौरान की जाती है।

Gupt Navratri 2019 kab hai date pooja vidhi importance mantra chalisa significance totke and story of Maa Durga | Gupt Navratri: गुप्त नवरात्र आषाढ़ माह में इस बार 3 जुलाई से, जानिए इससे जुड़ी पौराणिक कथा और महत्व

गुप्त नवरात्र

Highlightsसाल में आते हैं 4 नवरात्र, दो नवरात्र को कहा जाता है 'गुप्त नवरात्र'पहला गुप्त नवरात्र माघ महीने के शुक्ल पक्ष में जबकि दूसरा आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष में होता हैइस नवरात्र का बड़ा महत्व है, तांत्रिक क्रियाओं से संबंधित साधक सहित आम लोग भी कर सकते हैं इसे

आम तौर पर हम यही जानते हैं कि साल में नवरात्र के दो त्योहार होते हैं। हालांकि, ऐसा नहीं है। धर्मग्रंथों और हिंदू मान्यताओं में 4 नवरात्र का जिक्र है। शारदीय और चैत्र नवरात्र से हम सभी वाकिफ हैं लेकिन दो अन्य नवरात्र भी हैं जिन्हें गुप्त कहा गया है। पहला गुप्त नवरात्र माघ महीने के शुक्ल पक्ष में जबकि दूसरा आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष में होता है। 

गुप्त नवरात्र को तांत्रिक क्रियाओं, शक्ति साधना और महाकाल आदि से जुड़े लोगों के लिए भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। वैसे, आम जन भी अगर चाहें तो इस मौके पर मां दुर्गा की पूजा कर सकते हैं। गुप्त नवरात्र के दौरान मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां ध्रूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा की जाती है।

गुप्त नवरात्र: इससे जुड़ी पौराणिक कथा

इस कथा के अनुसार एक बार ऋषि श्रंगी भक्तों को प्रवचन दे रहे थे। इसी दौरान भीड़ से एक स्त्री हाथ जोड़कर ऋषि के सामने आई और अपनी समस्या बताने लगी। स्त्री ने कहा कि उनके पति दुर्व्यसनों से घिरे हैं और इसलिए वह किसी भी प्रकार का व्रत, धार्मिक अनुष्ठान आदि नहीं कर पाती। स्त्री ने साथ ही कहा कि वह मां दुर्गा के शरण में जाना चाहती है लेकिन पति के पापाचार के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा है। 

यह सुन ऋषि ने बताया कि शारदीय और चैत्र नवरात्र में तो हर कोई मां दुर्गा की पूजा करता है और इससे सब परिचित भी हैं लेकिन इसके अलावा भी दो और नवरात्र हैं। ऋषि ने बताया कि दो गुप्त नवरात्र में 9 देवियों की बजाय 10 महाविद्याओं की उपासना की जाती है। ऋषि ने स्त्री से कहा कि इसे करने से सभी प्रकार के दुख दूर होंगे और जीवन खुशियों से भर जाएगा। ऐसा सुनकर स्त्री ने गुप्त नवरात्र में ऋषि के अनुसार मां दुर्गा की कठोर साधना की। मां दुर्गा इस श्रद्धा और भक्ति से हुईं और इसका असर ये हुआ कि कुमार्ग पर चलने वाला उसका पति सुमार्ग की ओर अग्रसर हुआ। साथ ही स्त्री का घर भी खुशियों से भर गया।

गुप्त नवरात्र की पूजाविधि 

शारदीय और चैत्र नवरात्र की तरह ही गुप्त नवरात्र में कलश स्थापना की जाती है। नौ दिन तक व्रत का संकल्प लेकर प्रतिदिन सुबह-शाम मां दुर्गा की अराधना इस दौरान की जाती है। साथ ही अष्टमी या नवमी के दिन कन्याओं के पूजन के साथ व्रत की समाप्ति होती है। तंत्र साधना करने वाले इस दौरान माता के 10 महाविद्याओं की साधना करते हैं।

गुप्त नवरात्र के दौरान दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशी का पाठ करें और साथ ही लाल रंग का पुष्प माता को चढ़ाएं। ऐसी मान्यता है कि इस पूजा को करते समय इस बारे में किसी और नहीं बताना चाहिए और मन से मां दुर्गा की अराधना में तल्लीन रहना चाहिए। ऐसा करने से पूजा ज्यादा सफल होती है।

English summary :
Generally we know that there are two festivals of Navaratri in the year. However, this is not so. In reference to the texts and Hindu beliefs, 4 Navratri is mentioned. We are all familiar with Shardi and Chaitra Navratri but there are two other Navratri which have been called as Gupt navratri.


Web Title: Gupt Navratri 2019 kab hai date pooja vidhi importance mantra chalisa significance totke and story of Maa Durga

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