Ganesh Chaturthi 2019: यहां रखी है गणेश की सबसे छोटी मूर्ति, देखने के लिए मेग्निफाइन ग्लास का होता है इस्तेमाल

By मुकेश मिश्रा | Published: September 3, 2019 08:36 AM2019-09-03T08:36:30+5:302019-09-03T08:36:30+5:30

Ganesh Chaturthi: गणेश की इस सबसे छोटी मूर्ति का निर्माण रिटायर्ड मैकनिकल इंजीनियर और माइक्रो आर्टिस्ट अशोक गर्ग ने किया है। वह मध्य प्रदेश के खरगोन के रहने वाले हैं।

Ganesh Chaturthi 2019 smallest ganesha idol in Madhya Pradesh magnifying glass is used to see it | Ganesh Chaturthi 2019: यहां रखी है गणेश की सबसे छोटी मूर्ति, देखने के लिए मेग्निफाइन ग्लास का होता है इस्तेमाल

मध्य प्रदेश में भगवान गणेश की सबसे छोटी मूर्ति (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsमध्य प्रदेश के खरगोन के अशोक गर्ग ने किया अद्भुत कमालअशोक गर्ग की बनाई मूर्ति को देखने के लिए मेग्निफाइन ग्लास की जरूरत पड़ती है

इंदौर: 'जहां चाह, वहां राह'...यह कहावत मध्य प्रदेश के खरगोन में रहने रिटायर्ड मैकनिकल इंजीनियर और माइक्रो आर्टिस्ट अशोक गर्ग ने सार्थक कर दिखाया। उन्होंने 7 एमएम की विघ्नहर्त मंगलमूर्ति गणेश की मूर्ति बनाई है, जो लोगों में कौतूहल का विषय बन गया है। यह मूर्ति कालका मंदिर में रखी हुई है। मूर्ति को देखने के लिए मेग्निफाइन ग्लास का उपयोग करना पड़ता है। इसके लिए इसका नाम 'गोल्डन बुक ऑफ लिम्का बुक' में दर्ज किया गया है।

विवेकानंद कॉलोनी में रहने वाले इंजीनियर गर्ग बताते हैं कि उन्हें माइक्रो आर्ट के प्रति दिलचस्पी इंदौर में इंजीनियर की पढ़ाई के दौरान उस समय जागी जब उन्होंने चावल के दाने में रामायण की चौपाई लिखी देखी। धीरे-धीरे उन्होंने इस आर्ट को सीखना शुरू कर दिया। पहले तो लगा कि यह काम बहुत मुश्किल होगा लेकिन प्रयास नहीं छोड़ा।

सबसे पहले अशोक ने चावन के दानों में रामायण की चौपाई लिखी। इसमें जब वे सफल हो गये तो उन्होंने और भी चीजों पर माइक्रो आर्ट बनाना शुरू किया। इसी दौरान वे सरकारी नौकरी में आ गये। अब समस्या समय की थी इसलिए वे ड्यूटी पूरा करने के बाद रात में अपने इस शौक को पूरा करने में जुट जाते थे। वे बताते हैं कि रात का समय सबसे मुफीद होता था क्योंकि इस आर्ट के लिए सबसे बड़ी जरूरत शांत वातावरण का होना जरूरी थी।

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