Durga Puja 2023: दुर्गा पूजा और नवमी की तारीख में हो रही कंफ्यूजन तो यहां करें दूर, जानें सही डेट और शुभ मुहूर्त
By अंजली चौहान | Updated: October 18, 2023 15:31 IST2023-10-18T15:30:12+5:302023-10-18T15:31:10+5:30
इन दिनों में देवी दुर्गा के महिषासुर मर्दिनी रूप की पूजा करते हैं और विभिन्न अनुष्ठान और पूजाएँ की जाती हैं।

फोटो क्रेडिट- फाइल फोटो
Durga Puja 2023: हिंदुओं का पवित्र त्योहार नवरात्रि का समय बहुत पवित्र माना जाता है। नौ दिनों तक चलने वाले इस त्योहार का आज चौथा दिन है और नवरात्रि के खत्म होने के साथ ही दुर्गा पूजा मनाई जाती है। दुर्गा पूजा का हिंदू धर्म में खास महत्व है। यह दिन राक्षस राजा महिषासुर पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
यह त्यौहार मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा, ओडिशा और बिहार में बड़ी भव्यता के साथ मनाया जाता है। दुर्गा पूजा अश्विन माह में शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि से शुरू होकर लगातार पांच दिनों तक मनाई जाएगी और इसका समापन दशहरा और दुर्गा विसर्जन के साथ होगा जो अश्विन माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाएगा।
कब है दुर्गा पूजा?
दुर्गा पूजा उत्सव 20 अक्टूबर से शुरू होगा और 24 अक्टूबर 2023 को समाप्त होगा।
दुर्गा पूजा शुभ मुहूर्त
महा पंचमी (तैयारी का दिन) पंचमी तिथि प्रारंभ- 19 अक्टूबर, 2023 - 01:12 पूर्वाह्न
पंचमी तिथि समाप्त- 20 अक्टूबर, 2023- 12:31 पूर्वाह्न
महा षष्ठी (बंधन) षष्ठी तिथि प्रारंभ - 20 अक्टूबर, 2023- 12:31 पूर्वाह्न
षष्ठी तिथि समाप्त- 20 अक्टूबर, 2023- 11:24 अपराह्न
महा सप्तमी (अंजलि) सप्तमी तिथि प्रारंभ- 20 अक्टूबर, 2023- 11:24 अपराह्न
सप्तमी तिथि समाप्त- 21 अक्टूबर, 2023- 09:53 अपराह्न
महा अष्टमी (कुमारी पूजा) अष्टमी तिथि प्रारंभ- 21 अक्टूबर, 2023- 09:53 अपराह्न
अष्टमी तिथि समाप्त- 22 अक्टूबर, 2023- 07:58 अपराह्न महानवमी (धुनुची नृत्य और संधि पूजा)
नवमी तिथि प्रारंभ- 22 अक्टूबर, 2023- 07:58 अपराह्न
नवमी तिथि समाप्त- 23 अक्टूबर, 2023 - 05:44 PM
विजयादशमी (सिंदूर खेला, विसर्जन और बिजोया) दशमी तिथि प्रारंभ - 23 अक्टूबर, 2023 - 05:44 PM
दशमी तिथि समाप्त - 24 अक्टूबर, 2023 - 03:14 PM
दुर्गा विसर्जन शुभ मुहूर्त 24 अक्टूबर 2023 - प्रातः 05:44 बजे से प्रातः 08:03 बजे तक
दुर्गा मां के शुभ मंत्र
- जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी, दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते..!!
- सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके, शरण्यये त्रयबिके गौरी नारायणी नमोस्तुते..!!
दुर्गा पूजा क्यों है महत्वपूर्ण?
दुर्गा पूजा हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है जिसे भक्त बड़ी भव्यता और उत्साह के साथ मनाते हैं। लोग नवरात्रि के छठे दिन घर पर देवी दुर्गा की मूर्ति लाते हैं और लगातार पांच दिनों तक देवी दुर्गा की पूजा करते हैं और विजयदशमी के दिन दुर्गा विसर्जन करते हैं।
भक्त अपने घर को सजाते हैं, रिश्तेदारों, दोस्तों और पड़ोसियों को आमंत्रित करते हैं और इन दिनों को बहुत खुशी और आनंद के साथ मनाते हैं। बंगाली लोग इन दिनों में देवी दुर्गा के महिषासुर मर्दिनी रूप की पूजा करते हैं और विभिन्न अनुष्ठान और पूजाएँ की जाती हैं। महिलाओं द्वारा तरह-तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं और मां दुर्गा को भोग प्रसाद चढ़ाया जाता है।
देवी दुर्गा के साथ-साथ देवी लक्ष्मी, सरस्वती और भगवान गणेश की मूर्ति भी स्थापित की जाती है। दुर्गा विसर्जन के अंतिम दिन के दौरान, सिन्दूर खेला का एक भव्य उत्सव होता है जिसमें विवाहित महिलाएँ पहले देवी दुर्गा को सिन्दूर चढ़ाती हैं फिर वे अन्य विवाहित महिलाओं को सिन्दूर लगाती हैं और उन्हें अच्छे जीवन और सौभाग्य का आशीर्वाद देती हैं।