Diwali 2021 Date: कब है दिवाली का पावन त्योहार? जानें तिथि, मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

By रुस्तम राणा | Published: October 2, 2021 07:20 AM2021-10-02T07:20:34+5:302021-10-02T07:33:46+5:30

हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर साल दीपावली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या तिथि के दिन मनाया जाता है। साल 2021 में दिवाली 4 नवंबर गुरुवार के दिन मनाई जाएगी।

Diwali 2021 Date muhurat puja vidhi and significance | Diwali 2021 Date: कब है दिवाली का पावन त्योहार? जानें तिथि, मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

दिवाली 2021

Highlightsइस दिन गणेश पूजा के साथ-साथ लक्ष्मी पूजन का विधान है। दिवाली के दिन लोग मिठाई और गिफ्ट्स देकर एक-दूसरे के साथ खुशियां बांटते हैं।वहीं रात में दीपक, मोमबत्तियों और रंग-बिरंगी रौशनी से घरों को सजाया जाता है।

दिवाली हिन्दू धर्म का महापर्व है। जहां इस पर्व से ठीक पहले धनतेरस और नरक चतुर्दशी का त्योहार आता है तो वहीं इसके बाद में गोवर्धन पूजा और भाई दूज पर्व मनाया जाता है। यह खुशियों और रौशनी का पर्व है। इस दिन गणेश पूजा के साथ-साथ लक्ष्मी पूजन का विधान है। दिवाली के दिन लोग मिठाई और तोहफा देकर एक-दूसरे के साथ खुशियां बांटते हैं। वहीं रात में दीपक, मोमबत्तियों और रंग-बिरंगी रौशनी से घरों को सजाया जाता है।

2021 में कब मनाई जाएगी दीपावली?

हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर साल दीपावली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या तिथि के दिन मनाया जाता है। साल 2021 में दिवाली 4 नवंबर गुरुवार के दिन मनाई जाएगी। 

दिवाली पर बन रहा है यह खास योग

इस साल दिवाली पर ग्रहों का खास योग बन रहा है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, कार्तिक अमावस्या के दिन तुला राशि पर चतुर्ग्रही योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन तुला राशि में सूर्य, बुध, मंगल और चंद्रमा मौजूद रहेंगे। 

दिवाली में लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त

अमावस्या तिथि प्रारम्भ: 04 नवंबर 2021 को प्रात: 06:03 बजे से
अमावस्या तिथि समाप्त: 05 नवंबर 2021 को प्रात: 02:44 बजे तक
दिवाली लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: शाम 6:09 मिनट से रात्रि 8:20 मिनट

लक्ष्मी पूजन विधि

सबसे पहले घर की साफ-सफाई करें, पूजा स्थल पर गंगा जल छिड़कें। गणेश जी और मां लक्ष्मी जी की प्रतिमा पर भी गंगाजल छिड़कें। इसके बाद लकड़ी की चौकी में लाल वस्त्र बिछाकर उसमें मुट्ठीभर अनाज रखें। कलश को अनाज के ऊपर रखें और उसमें थोड़ा जल भरें। अब इसमें एक सुपारी (सुपारी), गेंदे का फूल, एक सिक्का और कुछ चावल के दाने डाल दें। कलश पर 5 आम के पत्ते गोलाकार और ऊपर से नारियल रखें। अब अपने व्यापार से संबंधित पुस्तकें रखें। मां लक्ष्मी और गणपति महाराज की प्रतिमा में तिलक करें और मंत्र सहित उनकी आराधना करें। मां लक्ष्मी को नारियल, सुपारी, पान का पत्ता माता को अर्पित करें। पूजा के अंत में लक्ष्मी जी की आरती करें।

दीवाली का महत्व

धार्मिक मान्यता है कि दीवाली का त्योहार रामायण काल से मनाया जा रहा है। बताया जाता है कि जब भगवान श्रीराम लंका विजय करने के बाद अयोध्या वापस पहुंचे तो अयोध्या के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई। अपने राजा के स्वागत के लिए उन्होंने घी के दीये जलाकर पूरी अयोध्या को सजा दिया। तभी से यह पर्व मनाया जाने लगा। एक अन्य मान्यता है कि इसी दिन मां लक्ष्मी समुद्र मंथन से प्रकट हुई थीं। 

Web Title: Diwali 2021 Date muhurat puja vidhi and significance

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