धनु संक्रांति 2019: इस तारीख को है धनु संक्रांति, बंद हो जाएंगे सारे शुभ काम

By मेघना वर्मा | Updated: December 14, 2019 15:05 IST2019-12-14T15:05:15+5:302019-12-14T15:05:15+5:30

धनु संक्रांति को हेमंत ऋतु शुरू होने पर मनाया जाता है। इसी संक्रांति के बाद मलमास शुरू हो जाएगा।

dhanu sankranti 2019 know the date puja timing importance and significance of malmas | धनु संक्रांति 2019: इस तारीख को है धनु संक्रांति, बंद हो जाएंगे सारे शुभ काम

धनु संक्रांति 2019: इस तारीख को है धनु संक्रांति, बंद हो जाएंगे सारे शुभ काम

Highlightsसूर्य की के धनु राशि में प्रवेश करने के बाद उसकी चाल धीमी हो जाती है। इसके बाद सारे शुभ काम भी बंद हो जाते हैं।

हिन्दू धर्म के अनुसार हर जब सूर्य किसी राशि में प्रवेश करना संक्रांति कहलाता है। वहीं इन संक्रांति का सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा से जुड़ा हुआ होता है। वहीं इस संक्रांति का शुभ और अशुभ असर पड़ता है। वहीं इस साल सूर्य धनु राशि में प्रवेश करने जा रहा है। इसलिए इस साल धनु संक्राति लगने वाली है। 

ज्योतिशशास्त्र की मानें तो सूर्य की के धनु राशि में प्रवेश करने के बाद उसकी चाल धीमी हो जाती है। इसके बाद सारे शुभ काम भी बंद हो जाते हैं। इस साल 16 दिसंबर को धनु संक्रांति पड़ रही है। इसी के बाद से सारे शुभ कार्य बंद हो जाएंगें। साथ ही धनु संक्रांति को हेमंत ऋतु शुरू होने पर मनाया जाता है। इसी संक्रांति के बाद मलमास शुरू हो जाएगा। इसके बाद एक महीने तक सारे शुभ कार्य बंद ह जाएंगे।

बंद हो जाएंगी शादियां

इस महीने की शुरुआत से ही सभी शादियां एक महीने के लिए बंद हो जाएंगी। इसके बाद 15 जनवरी यानी मकर संक्रांति 2020 के बाद से ही सारे शुभ कार्य फिर से शुरू होंगे। ज्योतिषों के अनुसार इस माह में किए गए कोई भी कार्य शुभ नहीं होते। साथ ही इस महीने किसी भी तरह के नए कार्य को करना सही नहीं माना जाता।

धनु संक्रांति का शुभ मुहूर्त

16 दिसंबर को दोपहर 3.28 बजे से सूर्य का धनु राशि में प्रवेश होगा। 14 व 15 जनवरी 2020 की रात 2 बजकर 50 मिनट पर मलमास समाप्त होगा। 15 दिसंबर से 9 जनवरी 2020 तक गुरु तारा भी अस्त रहेगा।

वर्जित हैं ये सभी कार्य

धनु संक्राति के बाद से ही मलमास या खरमास में किसी भी तरह का कोई मांगलिक कार्य ना करें। जैसे शादी, सगाई, वधु प्रवेश, द्विरागमन, गृह प्रवेश, गृह निर्माण, नए व्यापार का आरंभ आदि ना करें। मांगलिक कार्यों के सिद्ध होने के लिए गुरु का प्रबल होना बहुत जरुरी है। बृहस्पति जीवन के वैवाहिक सुख और संतान देने वाला होता है। मलमास के दौरान, गंगा और गोदावरी के साथ-साथ उत्तर भारत के उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, राजस्थान, राज्यों में सभी मांगलिक कार्य व यज्ञ करना निषेध होता है। 

Web Title: dhanu sankranti 2019 know the date puja timing importance and significance of malmas

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