धनतेरस शुभ मुहूर्त: इस बार पड़ रहा है हनुमान जयंती का संयोग, जानें क्या है पूजा का सही समय
By मेघना वर्मा | Published: November 5, 2018 04:03 PM2018-11-05T16:03:58+5:302018-11-05T16:03:58+5:30
Dhanteras 2018: Dhanteras Shubh Muhurat, Timing, Puja vidhi, Lord dhanvantari Puja, Hanuman Jayanti Significance Impotence in Hindi: कार्तिक मास के सोमवार को हनुमान जयंती मनाई जाएगी। मान्यता है कि कार्तिक चतुर्दशी की आधी रात को हनुमान जी का जन्म हुआ था।
इस साल दिवाली का त्योहार देशभर में 7 नवंबर को मनाई जानी है। इस बार धनतेरस पर कई अच्छे संयोग भी बन रहे हैं। इस धनतेरस के दिन हनुमान जयंती भी मनाई जाएगी। साथ ही सोमवार को सोम प्रदोष और मासिक शिवरात्रि की भी पूजा होगी। साथ ही इस बार धन्वंतरि जयंती को भी मनाया जाएगा और चन्द्रमा का हस्त भी नक्षत्र है। इतने सारे शुभ संयोग होने के चलते इस बार के धनतेरस पर पूजा करना शुभ माना जाता है। साथ ही इस बार चांदी के बर्तन, चांदी के गणेश लक्ष्मी को खरीदना भी शुभ होगा।
ये है शुभ संयोग
इस बार धनतेरस के दिन खरीददारी करना भी शुभ माना जाता है। शुभ समय पर खरीदारी करना उत्तम बताया जाएगा। इस बार खरीददारी का समय दोपहर 12 से 1 बजकर 30 मिनट तक का और शाम को 4 बजकर 30 मिनट से 7 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। इस शुभ समय में खरीददारी करना आपके घर सौभाग्य लेकर आएगा।
इन चीजों की खरीददारी से होगा लाभ
* धनतेरस के दिन बर्तन, आभूषण, गणेश-लक्ष्मी और सोना-चांदी के सिक्के खरीद सकते हैं।
* इसके अलावा वाहन, भूमि-भवन, इलेक्ट्रॉनिक आइटम, वस्त्र खरीद सकते हैं।
* किचन का सामान या घरेलू सामान खरीद सकते हैं। इस दिन झाडू खदीरदना भी शुभ होता है।
* चांदी के बर्तन गर खरीदें तो उसे खाली घर ना लाएं उसमें गड़, अनाज मिठाई रख लें।
* पूजा का समान जैसे रोली, कलावा, अक्षत आदि को भी खरीद सकते हैं।
कार्तिक मास के सोमवार को हनुमान जयंती मनाई जाएगी। मान्यता है कि कार्तिक चतुर्दशी की आधी रात को हनुमान जी का जन्म हुआ था। सोमवार त्रयोदशी को रात 11 बजकर 47 मिनट पर ये खत्म हो जाएगा। साल में दो बार हनुमान जयंती मनाई जाती है। एक चैत्र माह की पूर्णिमा को तो दूसरी तिथि कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को।
कर सकते है ये काम
* हनुमान जयंती के दिन किसी भी शुभ काम की शुरुआत कर सकते हैं।
* इस दिन गंगा नदी में स्नान करना उत्तम होता है।
* इस दिन जल के देवता यानी वरुण देवता की पूजा करें।
* हनुमान जी को दूर्वा घास की माला और गंदे फूल चढ़ाएं।
* लड्डू और गुड़ का भोग लगाएं।