Dev Uthani Ekadashi 2019: देवोत्थान एकादशी पर भगवान विष्णु को चढ़ाएं इस रंग का फूल, कभी नहीं होगी धन की कमी
By मेघना वर्मा | Published: November 1, 2019 07:15 AM2019-11-01T07:15:07+5:302019-11-01T07:15:07+5:30
देवश्यनी एकादशी के बाद से सभी शुभ कार्य बंद हो जाते हैं। जो की देवउठनी एकादशी पर ही आकर वापिस से शुरू होते हैं।
हिन्दू धर्म में देवोत्थान एकादशी का सबसे अधिक महत्ता बताई जाती है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी यानी देवउठनी या देवोत्थान एकादशी को पूरे विधि-विधान से पूजा जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु अपनी चार महीने की निद्रा अवस्था से जागते हैं। बताया तो ये भी जाता है कि इस दिन सभी देवता जागते हैं। इसी दिन के बाद से सारे शुभ और मांगलिक काम भी शुरू हो जाते हैं।
कब है देवउठनी एकादशी
इस साल देवउठनी एकादशी 8 नवंबर को पड़ रही है। देवश्यनी एकादशी के बाद से सभी शुभ कार्य बंद हो जाते हैं। जो की देवउठनी एकादशी पर ही आकर वापिस से शुरू होते हैं। माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु अपनी नींद से जागते हैं। कार्तिक मास में आने वाली इस एकादशी को देवोत्थान, देवउठनी या प्रबोधिनी एकादशी भी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु को पूजा जाता है। जिनकी खास तरह से पूजा भी की जाती है।
क्या है देवउठनी एकादशी का शुभ मुहूर्त
देवउठनी एकादशी 2019 तिथि देवउठनी एकादशी 2019 में कार्तिक मास की शुक्लपक्ष तिथि में 8 नवंबर 2019 को है।
देवउठनी एकादशी तिथि प्रारम्भ - सुबह 9 बजकर 55 मिनट से ( 7 नवम्बर 2019)
देवउठनी एकादशी तिथि समाप्त - अगले दिन दोपहर 12 बजकर 24 तक (8 नवम्बर 2019)
विष्णु देव होंगे प्रसन्न
भगवान विष्णु को पीला रंग काफी पसंद है। देवउठनी एकादशी वाले दिन कोशिश करें की अपनी पूजा में पीले रंग का फूल और फल चढ़ाएं। विष्णु भगवान यश और समृद्धि के प्रतीक माने जाते हैं। ऐसा करने से आपको विष्णु भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
मोक्ष प्राप्ति के लिए
देवोत्थान एकादशी के दिन भगवान विष्णु को बेल के पत्तों से पूजा करें। इससे आपको संसार के सभी सुखों की प्राप्ति होगी। साथ ही बैकुंठ धाम मिलेगा। दुनिया की माया-मोह से इतर आपको मोक्ष की प्राप्ति भी होगी।
देवी लक्ष्मी की भी मिलेगी कृपा
देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा करके उनकी कृपा भी पा सकते हैं। इसके लिए आपको कनेर के फूल से विष्णु भगवान और लक्ष्मी मां की पूजा करना चाहिए। इससे आपके समस्त दुखों का नाश होगा और आप पर मां लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहेगी।