Christmas 2021: जानिए कौन हैं सेंटा क्लॉज, दिलचस्प है उनकी ये कहानी
By रुस्तम राणा | Updated: December 19, 2021 16:13 IST2021-12-19T16:13:07+5:302021-12-19T16:13:49+5:30
सेंटा क्लॉज का नाम सेंट निकोलस है। उनका जन्म 340 ई. में 06 दिसंबर को हुआ था। कहते हैं कि बचपन में ही सेंटा क्लॉज के माता-पिता का देहांत हो गया था और उनका मन हमेशा जीसस क्राइस्ट में ही रमा रहता था। बड़े होने के बाद वे एक पादरी बने और फिर बिशप बन गए।

सेंटा क्लॉज का नाम सेंट निकोलस है। उनका जन्म 340 ई. में 06 दिसंबर को हुआ था।
हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस डे मनाया जाता है। यह ईसाई समुदाय का बड़ा महत्वपूर्ण त्योहार है। मान्यता है कि प्रभु यीशु मसीह के जन्म के प्रतीक के तौर पर हर साल क्रिसमस पर्व मनाया जाता है। क्रिसमस डे में दो चीजें दो महत्वपूर्ण और प्रमुख रूप से होती है। उनमें से एक है सजा हुआ क्रिसमस ट्री और दूसरा है बच्चों को गिफ्ट्स बांटने वाला सेंटा।
हां वही सेंटा क्लॉज, जो लाल ऊनी वस्त्र धारण किए हुए, सफेद दाढ़ी मूछे लगाए, कंधे पर रखे झोले में से बच्चों को गिफ्ट्स बांटकर उनके चेहरे में खुशियां लाने का काम करता है। क्या आपको यह पता है कि सेंटा क्लॉज कौन है? आखिर वह क्यों बच्चों को गिफ्ट्स देता है? तो चलिए जानते हैं उनकी ये दिलचस्प कहानी।
सेंटा क्लॉज का नाम सेंट निकोलस है। उनका जन्म 340 ई. में 06 दिसंबर को हुआ था। कहते हैं कि बचपन में ही सेंटा क्लॉज के माता-पिता का देहांत हो गया था और उनका मन हमेशा जीसस क्राइस्ट में ही रमा रहता था। बड़े होने के बाद वे एक पादरी बने और फिर बिशप बन गए। उन्हें लोगों की मदद करना काफी अधिक पसंद था। वे बच्चों को रात में गिफ्ट इसलिए देते थे ताकि उन्हें कोई पहचान न सके।
कहते हैं एक गरीब आदमी की तीन बेटियां थीं। उसके लिए बेटियों की शादी करना मुमकिन नहीं था। सेंट निकोलस को ये बात पता चली। तो, वो चुपचाप उस गरीब पिता के घर पहुंचे। उनके आंगन में सूख रही जुराबों में सोने के सिक्के रख दिए। इस तरह से सेंट निकोलस ने उन तीन बच्चियों की जिंदगी संवार दी। इन्हीं कहानियों के कारण जुराबों में तोहफे मिलने की उम्मीद और परंपरा शुरू हुई। इसलिए क्रिसमस ट्री पर जुराब टांगने का भी चलन है।
वहीं क्रिसमस डे पर क्रिसमस ट्री को सजाया जाता है। कहते हैं कि क्रिसमस ट्री की शुरूआत उत्तरी यूरोप में कई सदी पहले हुई थी। उस दौरान बेर नाम के एक पेड़ को सजाकर विंटर फेस्टीवल मनाया जाता था। मान्यता है कि प्रभु यीशु के जन्म के समय सभी देवताओं ने सदाबहार वृ्क्ष को सजाया था, तभी से इस वृक्ष को क्रिसमस ट्री के नाम से जाना जाने लगा।