लाइव न्यूज़ :

चारधाम परियोजना : न्यायालय ने कहा- 2018 के दिशानिर्देशों का पालन करना ही होगा

By गुणातीत ओझा | Updated: September 9, 2020 11:47 IST

न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और न्यायमूर्ति इन्दिरा बनर्जी की पीठ ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई करते हुये सालिसीटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि इस परियोजना के लिये 2018 के दिशानिर्देशों का पालन करना ही होगा।

Open in App
ठळक मुद्दे2018 के सर्कुलर के अनुसार पर्वतीय क्षेत्र में इंटरमीडियट मार्ग की चौड़ाई 5.5 मीटर होनी चाहिए। पिछले साल अगस्त में चारधाम राजमार्ग परियोजना को हरी झंडी मिली थी।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि उत्तराखंड के चार पवित्र स्थलों को जोड़ने वाली सभी मौसम के अनुकूल सड़क बनाने संबंधी चारधाम राजमार्ग परियोजना के मामले पर्वतीय क्षेत्र में सड़कों की चौड़ाई के बारे में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के 2018 के सर्कुलर का पालन करना होगा। न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और न्यायमूर्ति इन्दिरा बनर्जी की पीठ ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई करते हुये सालिसीटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि इस परियोजना के लिये 2018 के दिशानिर्देशों का पालन करना ही होगा।

चार धाम सड़क मार्ग परियोजना के अंतर्गत यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को हर मौसम के अनुकूल सड़क मार्ग से जोड़ा जायेगा। पीठ ने मेहता से कहा, ‘‘आपको अपने 2018 के दिशानिर्देशों का पालन करना होगा। कैसे आप अपने ही दिशानिर्देशों के अनुसार नहीं चलेंगे?’’ मेहता ने कहा कि उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंपी है और इसमें सड़क की चौड़ाई सहित कुछ बिन्दु उठाये गये हैं। उन्होंने कहा कि समिति की अल्पसंख्यक राय है कि 2018 के सर्कुलर के अनुसार पर्वतीय क्षेत्र में इंटरमीडियट मार्ग की चौड़ाई 5.5 मीटर होनी चाहिए।

मेहता ने कहा कि इस परियोजना के दायरे में भारत-चीन सीमा भी आती है और चूंकि वहां सेना के वाहनों का आवागमन होता है, इसलिए यह चौड़ाई 5.5 मीटर की बजाये सात मीटर होनी चाहिए। याचिकाकर्ता गैर सरकारी संगठन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संजय पारिख ने कहा कि प्राधिकारियों ने अनेक निर्देशों का उल्लंघन किया है और इससे इस क्षेत्र में पर्वतों और वृक्षों को बहुत नुकसान पहुंच रहा है। उन्होंने इस परियोजना के लिये वृक्षों की कटाई का मामला भी उठाया।

पीठ ने कहा, ‘‘हम किसी सतत् जांच में शामिल नहीं हो रहे हैं। यहां मुद्दा 2018 के दिशा निर्देशों के बारे में है।’’ पीठ ने कहा कि प्राधिकारी को उचित पौधारोपण भी करना चाहिए। शीर्ष अदालत ने पर्यावरण से जुड़े मसले पर गौर करने के लिये उच्चाधिकार समिति गठित करने के राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेश में सुधार करते हुये पिछले साल अगस्त में चारधाम राजमार्ग परियोजना को हरी झंडी दी थी।

टॅग्स :केदारनाथबद्रीनाथ मन्दिरयमुनोत्रीगंगोत्री
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठकेदारनाथ और यमुनोत्री कपाट बंद, चारधाम-हेमकुंड साहिब दर्शन के लिए पहुंचे 50 लाख श्रद्धालु, जानें कब खुलेंगे

कारोबारबदरीनाथ और केदारनाथ धाम दर्शन, 10 करोड़ रुपये दान, 100 कमरों के अतिथि गृह का निर्माण, उत्तराखंड पहुंचे रिलायंस इंडस्ट्रीज अध्यक्ष मुकेश अंबानी

भारतVIDEO: केदारनाथ धाम में बर्फबारी, भक्तों ने दर्शन के साथ बर्फबारी का लुत्फ उठाया

ज़रा हटकेSHOCKING: बद्रीनाथ धाम में श्रद्धालुओं में मारपीट, फोटो खिचाने को लेकर चले लात-घूंसे, देखें वीडियो

भारतKedarnath Landslide: केदारनाथ हादसा चट्टान गिरने से 2 श्रद्धालुओं की मौत, 3 लोग घायल, देखें वीडियो

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल

पूजा पाठPanchang 06 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठPanchang 04 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय