Chandra Grahan 2020: इस तारीख को लगने जा रहा है साल का दूसरा ग्रहण, जानिए क्या होगा इसका प्रभाव
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 18, 2020 02:33 PM2020-05-18T14:33:20+5:302020-05-18T14:45:16+5:30
ग्रहण भारत में समेत दक्षिण पूर्व यूरोप और एशिया में दिखाई देंगे। इस साल कुल 6 ग्रहण लगने वाले हैं।
हिन्दू धर्म में ग्रहण को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। ग्रहण को आस्था की नजर से देखा जाता है। ग्रहों की चाल और राशि बदलने का असर क्या पड़ेगा इस बात को भी देखा जाता है। वहीं ये साल ग्रहण की दृष्टी से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
ग्रहण का हमारे जीवन पर भी प्रभाव पड़ता है। इस साल पड़ने वाले ग्रहण की बात करें तो ये ग्रहण भारत समेत यूरोप, अफ्रीका, एशिया और ऑस्ट्रेलिया में दिखाई देगा। वहीं अगले महीने यानी जून में दो ग्रहण लगने वाले हैं।
इस महीने लग रहा है दो ग्रहण
इस जून महीने में 5 जून को चंद्र ग्रहण लगेगा। वहीं जून की ही 21 तारीख को लग फिर से ग्रहण लग रहा है। ये सूर्य ग्रहण होगा। दोनों ही ग्रहण भारत में समेत दक्षिण पूर्व यूरोप और एशिया में दिखाई देंगे। इस साल कुल 6 ग्रहण लगने वाले हैं। जिसमें से पहला ग्रहण 10 जनवरी को लग चुका है।
क्या होगा ग्रहण का समय
5 जून को लगने वाला चंद्र ग्रहण रात 11 बजकर 15 मिनट से शुरू होगा जो 6 तारीख को 2 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। यह एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा। ज्योतिष के अनुसार इसका कोई सूतक काल मान्य नहीं होगा। इस ग्रहण को हम अपनी नंगी आंखों से देख नहीं पाएंगे।
वहीं सूर्य ग्रहण जो 21 जून को लग रहा है उसका समय सुबह 9 बजकर 15 मिनट से शुरू होगा जो दोपहर 3 बजकर 3 मिनट तक रहेगा। इस ग्रहण को लम्बा ग्रहण कहा जा सकता है क्योंकि इसकी अवधि 5 घंटे 48 मिनट की होगी। ये ग्रहण आषाढ़ कृष्ण अमावस्या के दिन भारत में खंडग्रास के रूप में दिखाई देगा।
क्या होगा असर
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भारत और विश्व के लिए 21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण बहुत संवेदनशील है। मिथुन राशि में होने जा रहे इस ग्रहण के समय मंगल और मीन में स्थित होकर सूर्य, बुध, चंद्रमा और राहु को देखेंगे जो अशुभ संकेत हैं। वहीं ग्रहण के समय शनि, गुरू, शुक्र और बुध वक्र स्थिति में रहेंगे। राहु और केतु उल्टी ही चाल चलते हैं। इस वजह से भी ये ग्रहण अच्छे संकेत नहीं दे रहे हैं। ये स्थिति पूरे विश्व में उथल-पुथल मचाएगी। ग्रहण के कारण प्राकृतिक आपदाओं का खतरा होगा। जन-धन की हानि हो सकती है।