3 मई तक बढ़ गया लॉकडाउन, घर बैठे चाणक्य नीति के इन 4 मंत्रों से रहें स्वस्थ, जानबूझ कर लोग करते हैं ये गलती
By मेघना वर्मा | Published: April 14, 2020 03:35 PM2020-04-14T15:35:41+5:302020-04-14T15:35:41+5:30
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस की वजह से भारत में लगे लॉकडाउन की अवधि बढ़ा दी है। ऐसे में आप घर बैठे खुद की सेहत का ख्याल रख सकते हैं।
इस समय पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है। इसी के चलते आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लॉकडाउन की अवधि बढ़ाकर 15 अप्रैल से 3 मई तक की कर दी है। भारत में तेजी से कोरोना वायरस अपनी जड़े फैलाता जा रहा है। गलत लाइफस्टाइल और खान-पान से भी लोग बिमार पड़ जाते हैं।
ऐसे में खुद को स्वस्थ्य रखना चैलेंजिंग है। भारत में इस समय लॉकडाउन कर दिया गया है। ऐसे में आप घर बैठे खुद की सेहत का ख्याल रख सकते हैं। आइए आपको बताते हैं खुद को स्वस्थ्य रखने के लिए बताई गई चाणक्य की नीतियां-
1. मानसिक रूप से रहें स्वस्थ
चाणक्य का मानना था कि ज्यादातर रोग की जड़ मानसिक तनाव हैं। उन्होंने अपनी नीति में दिमागी चिंतन को खत्म करने का उपाय भी बताया है। जिसमें कहा गया है कि सुबह महाभारत पढ़नी और सुननी चाहिए। दोपहर में रामायण का पाठ कर सकते हैं और रात में श्रीमद्भागवत की कहानी सुननी चाहिए। इसे पढ़ने से आपका मन और चित्त शांत रहता है।
2. पानी को ऐसे पीएं
चाणक्य नीति के अनुसार जब तक भोजन ना पच जाए तब तक पानी नहीं पीना चाहिए। भोजन पचने के बीच पिया गया पानी विष के समान होता है वहीं भोजन पचने के बाद पिया गया पानी अमृत के समान होता है। लोगों को पानी के विषय में ये बाते पता होती हैं फिर भी खाना खाने के बीच में या उसके तुरंत बाद लोग पानी जरूर पीते हैं।
3. खाना जरूर खाएं
चाणक्य ने बताया कि कभी भी खाने को ना नहीं कहें। शरीर की सभी इंद्रियों में आंखे प्रधान और मस्तिष्क, सभी अंगों में प्रधान है। इसलिए उन दोनों का ध्यान रखें।
4. घी को कहें हां
कई लोग अपने फिटनेस और फीगर को लेकर इतने कॉन्श्ज होते हैं कि वो घी को खाना छोड़ देते हैं मगर चाणक्य का कहना था कि खड़े अन्न से दसगुना अधिक पौष्टिक है पिना हुआ अन्न और दूध से दस गुना पौष्टिक है घी। इसलिए घी का सेवन जरूर करना चाहिए।