हिन्दू धर्म में पूर्णिमा को सबसे महत्वपूर्ण बताया जाता है। हर महीने आने वाली पूर्णिमा पर ना सिर्फ लोग व्रत रखते हैं बल्कि पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना भी करते हैं। चैत्र मास की पूर्णिमा को सबसे महत्वपूर्ण माना गया है।
इस बार चैत्र पूर्णिमा अप्रैल महीने की 8 तारिख को पड़ रही है। कोरोना वायरस के चलते इस पूर्णिमा पर लोग ना किसी पवित्र नदी में स्नान करने जा पाएंगे और ना ही किसी मंदिर दर्शन के लिए। इस बार पूर्णिमा पर लोगों को घर रहकर ही पूरे विधि-विधान से पूजन करना होगा। आइए आपको बताते हैं चैत्र पूर्णिमा का महत्व और इसका व्रत रखने के लाभ।
इस दिन हुआ था हनुमान जी का जन्म
मान्यता है कि चैत्र पूर्णिमा के दिन भगवान हनुमान का जन्म हुआ था। इस वजह से चैत्र पूर्णिमा का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है। लोग इस दिन सत्यनारायण की कथा के साथ हनुमान भजन और पूजन भी करते हैं। इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान कर दान-पुण्य करते हैं।
चैत्र पूर्णिमा का महत्व
चैत्र पूर्णिमा का दिन हिन्दू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा करने वालों के सारे पाप कट जाते हैं। माना ये भी जाता है कि चैत्र पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को जल देने से कुंडली में इसकी स्थिति मजबूत हो जाती है।
दान देने का होता है महत्व
चैत्र पूर्णिमा के दिन दान देने का भी अपना अलग महत्व होता है। इस दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा की जाती है। बाद में लोग गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति के साथ ब्राह्मण को दान देता है। माना जाता है कि इस दिन दान करने से उसका फल कई गुना बढ़ जाता है।
श्रीकृष्ण ने रचाया था महारास
माना ये भी जाता है कि चैत्र पूर्णिमा के दिन ही भगवान श्रीकृष्ण ने महारास रचाया था। ब्रज में उनके इस रास में लोग लीन हो गए थे। इसीलिए चैत्र पूर्णिमा के दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से मन को सुख और शांति मिलती है।