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Chaitra Navratri 8th Day: चैत्र अष्टमी पर महागौरी को नारियल के साथ चढ़ाइए ये 1 चीज, कुंडली से दूर भाग जाएगा राहू

By मेघना वर्मा | Updated: April 1, 2020 06:11 IST

ज्योतिष शास्त्र की मानें तो महागौरी का संबंध शुक्र ग्रह से है। इस दिन माता की पूजा करने से आपकी कुंडली में बैठे राहू से भी राहत मिलती है।

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ठळक मुद्देमहागौरी को नारियल चढ़ाया जाता है। नवरात्रि के आठवें दिन मां के स्वरूप महागौरी की पूजा की जाती है।

नवरात्रि के आठंवे दिन मां के महागौरी के स्वरूप की पूजा होती है। इस बार चैत्र महीने की अष्टमी एक अप्रैल यानी आज पड़ रही है। नवरात्रि के नौ दिनों में देवी दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए पूजा करते हैं।

नवरात्रि के आठवें दिन मां के स्वरूप महागौरी की पूजा की जाती है। इसी दिन लोग अपने घरों पर कन्या पूजन भी करते हैं। माना जाता है कि महागौरी की उपासना करने से इंसान को पाप से मुक्ति मिलती है। बताया ये भी जाता है कि महागौरी की पूजा करने से आर्थिक परेशानियां दूर हो जाती है।

ज्योतिष शास्त्र की मानें तो महागौरी का संबंध शुक्र ग्रह से है। इस दिन माता की पूजा करने से आपकी कुंडली में बैठे राहू से भी राहत मिलती है। सिर्फ यही नहीं कुंडली के शुक्र कि स्थिति मजबूत होती है। इसलिए उन लोगों को भी इनकी पूजा करनी चाहिए जिनकी कुंडली में कोई दोष होता है।

कैसा है महागौरी का स्वरूप

महागौरी की चार भुजाएं हैं उनकी दाईं भुजा अभय मुद्रा में हैं और नीचे वाली भुजा में त्रिशूल है। बायीं भुजा में डमरू तो नीचे वाली भुजा से मां गौरी भक्तों को वरदान देने की मुद्रा में हैं। मान्यता है जो भी स्त्री पूरे भाव से मां गौरी की पूजा करती हैं उसे मनचाहा वरदान मिलता है। 

क्या है महागौरी की महत्व

बताया जाता है कि शिव की प्राप्ति के लिए महागौरी ने कठोर पूजा की थी। इससे उनका पूरा शरीर काला पड़ गया था। मां की इस तपस्या से खुश होकर भगवान शिव ने उनको दर्शन दिया और मां का शरीर कांतिमय कर दिया। तभी से मां का नाम महागौरी पड़ गया। बताया तो ये भी जाता है कि इसी दिन माता सीता ने श्रीराम के लिए महागौरी से प्रार्थना की थी। 

नारियल के साथ चढाइए ये एक समान

महागौरी को नारियल चढ़ाया जाता है। इस नारियल को चढ़ाने के बाद इसका उपयोग नहीं करते। इसे बहते हुए जल में प्रवाहित कर देते हैं। साथ ही आप नारियल के साथ मां को इत्र भी जरूर चढ़ाएं मगर बाद में इस्का इस्तेमाल ना करें। बल्कि इसे घर की तीजोरी में रख दें। मान्यता है कि ऐसा करने से आपके पास कभी धन और धान्य की कमी नहीं होगी।

ऐसे करें महागौरी की पूजा

1. सुबह स्नानादि करके व्रत का संकल्प लें। 2. लाल रंग के आसन पर विराजमान होकर देवी की मूर्ति या तस्वीर के सामने बैठ जाएं। 3. हाथ में स्फटिक की माला लें। 4. नीचे दिए हुए मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें।5. इसके बाद देवी की कथा पढ़ें। 6. विधि-विधान से पूजा और आरती के बाद ही प्रसाद का वितरण करें। 

करें इन मंत्रों का जाप

1. सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि। सेव्यामाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥

2. सर्वमंगल मंग्ल्ये, शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोस्तुते।

टॅग्स :चैत्र नवरात्रिनवरात्रिनवरात्री महत्वमां दुर्गापूजा पाठ
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