Chaitra Navratri 2022: नवरात्र में कलश स्थापना क्यों, जानें इसका महत्व, पूजा के दौरान इन 20 जरूरी सामग्री को रख लें पास

By अनिल शर्मा | Published: April 2, 2022 11:37 AM2022-04-02T11:37:24+5:302022-04-02T12:07:07+5:30

हिन्दू शास्त्रों के अनुसार किसी भी पूजा से पहले गणेशजी की आराधना करते हैं। हममें से अधिकांश लोग यह नहीं जानते कि देवी दुर्गा की पूजा में कलश क्यों स्थापित करते हैं ?

Chaitra Navratri 2022 importance of Kalash sthapana Navratri puja vidhi mantra | Chaitra Navratri 2022: नवरात्र में कलश स्थापना क्यों, जानें इसका महत्व, पूजा के दौरान इन 20 जरूरी सामग्री को रख लें पास

Chaitra Navratri 2022: नवरात्र में कलश स्थापना क्यों, जानें इसका महत्व, पूजा के दौरान इन 20 जरूरी सामग्री को रख लें पास

Highlightsचैत्र नवरात्र घटस्थापना 2 अप्रैल 2022 शनिवार को हैनवरात्र में कलश स्थापना का विशेष विधान है

Chaitra Navratri 2022: आज से ( 2 अप्रैल) चैत्र नवरात्र की शुरुआत हो गई है। नवरात्र के दौरान महाशक्ति के नौ रूपों की पूजा अर्चना की जाती है। नवरात्र में कलश स्थापना/घट स्थापना की मान्याता है। भक्त अपने घरों में नवरात्र के पहले दिन शुभ मुहूर्त में इसकी स्थापना करते हैं और परिवार में सुख-समृद्धि हेतु प्रार्थना करते हैं। हालांकि कम ही लोगों को इसके महत्व और कारण के बारे में जानकारी होती है। 

कलश स्थापना का महत्व

हिन्दू शास्त्रों के अनुसार किसी भी पूजा से पहले गणेशजी की आराधना करते हैं। हममें से अधिकांश लोग यह नहीं जानते कि देवी दुर्गा की पूजा में कलश क्यों स्थापित करते हैं ? कलश स्थापना से संबन्धित हमारे पुराणों में एक मान्यता है, जिसमें कलश को भगवान विष्णु का रूप माना गया है। इसलिए लोग देवी की पूजा से पहले कलश का पूजन करते हैं। पूजा स्थान पर कलश की स्थापना करने से पहले उस जगह को गंगा जल से शुद्ध किया जाता है और फिर पूजा में सभी देवी -देवताओं को आमंत्रित किया जाता है।

कैसे सजाएं कलश/ कलश स्थापना में इन चीजों का विशेष ध्यान रखें/कलश स्थापना की विधि

कलश को पांच तरह के आम के पत्तों से सजाया जाता है। इसके बाद उसमें  हल्दी की गांठ, सुपारी, दूर्वा, आदि रखी जाती है। कलश को स्थापित करने के लिए उसके नीचे बालू या मिट्टी की बेदी बना लें। उसमें जौ बोयें। जौ बोने की विधि धन-धान्य देने वाली देवी अन्नपूर्णा को खुश करने के लिए की जाती है। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि मां दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर ठीक बीच में हो। इसके बाद माँ का शृंगार रोली ,चावल, सिंदूर, माला, फूल, चुनरी, साड़ी, आभूषण और सुहाग करें। पूजा स्थल में एक अखंड दीप जलाएं। इसका भी ध्यान रहे कि अखंड दीप व्रत के आखिरी दिन तक जलता रहेृ। कलश स्थापना करने के बाद, गणेश जी और मां दुर्गा की आरती करें।

घटस्थापना के लिए जरूरी सामग्री

1. चौड़े मुँह वाला मिट्टी का एक बर्तन (जौ बोने के लिए)
2. साफ मिट्टी
3. सप्तधान्य (7 प्रकार के अनाज)
4. कलश मिट्टी का और कलश को ढकने के लिए ढक्कन
5. साफ जल और थोड़ा सा गंगाजल
6. कलश के मुंह में बांधने के लिए कलावा/मौली
7. सुपारी
8. आम या अशोक के पत्ते (पल्लव)
9. अक्षत (कच्चा साबुत चावल)
10. छिलके/जटा वाला नारियल
11. लाल कपड़ा
12. पुष्प और पुष्पमाला
13. दूर्वा
14. सिंदूर
15. पान
16. लौंग
17. इलायची
18. बताशा
19. मिठाई
20. मां दुर्गा की प्रतिमा

घटस्थापना मुहूर्त

चैत्र नवरात्रि घटस्थापना 2 अप्रैल 2022 शनिवार को है।
2 अप्रैल को घटस्थापना का पहला मुहूर्त 06:10 AM से 08:31 AM तक रहेगा।
घटस्थापना के लिए कुल 02 घण्टे 21 मिनट का समय मिलेगा।
2 अप्रैल को घटस्थापना का दूसरा मुहूर्त दोपहर 12:00 PM से 12:50 PM तक रहेगा।
इस मुहूर्त की कुल अवधि 50 मिनट की रहेगी।
प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 1 अप्रैल 2022 को 11:53 AM बजे से हो जाएगी।
प्रतिपदा तिथि की समाप्ति 02 अप्रैल को 11:58 AM बजे होगी।

कलश स्थापना के फायदे

नवरात्र में कलश स्थापना का विशेष विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कलश में नारियल रखने से परिवार के सदस्यों की जिंदगी से सभी तरह की बीमारियां दूर होती हैं। कहा जाता है कि कलश पर नारियल का मूंह ऊपर की तरफ राहु के लिए रखा जाता है। 

मां दुर्गा के मंत्र

-नवार्ण मंत्र 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै'
-सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।
-ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।

 

Web Title: Chaitra Navratri 2022 importance of Kalash sthapana Navratri puja vidhi mantra

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