चैत्र मास का आरंभ हो चुका है. चैत्र मास में ही चैत्र नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. चैत्र नवरात्रि 13 अप्रैल मंगलवार से प्रारंभ हो रहे हैं. नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है. इस पावन पर्व की शुरुआत घटस्थापना के साथ होती है, जिसका महत्व विशेष माना गया है.हिन्दू धर्म के अनुसार, नवरात्रि के प्रथम दिन शुभ मुहूर्त अनुसार ही घटस्थापना करने के बाद मां शैलपुत्री की आराधना करने का विधान है. तो चलिए जानते हैं इस वर्ष की चैत्र नवरात्रि के घटस्थापना का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व.
घटस्थापना शुभ मुहूर्त
घटस्थापना मुहूर्त – 13 अप्रैल सुबह 05:28 से 10:14 तकघटस्थापना काअभिजीत मुहूर्त – सुबह 11:56 से दोहपर 12:47 तक
घटस्थापना का महत्वघटस्थापना से ही नवरात्रि की पूजा का विधिवत आरंभ माना जाता है. नवरात्रि में घटस्थापना का विशेष महत्व होता है. सनातन धर्म की मानें तो, किसी भी शुभ कार्य के लिए कलश स्थापना करना शुभ माना जाता है और इसी कलश को शास्त्रों में भगवान गणेश की संज्ञा दी गई है.
नवरात्रि घटस्थापना विधिनवरात्रि की प्रतिपदा तिथि पर सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करेंपूरे घर की साफ-सफाई करके ईशान कोण में एक लकड़ी की चौकी बिछाएंइसके बाद एक मिट्टी का चौड़े मुंह वाला बर्तन लेकर उसमें मिट्टी रखेंमिट्टी के पात्र में थोड़ा सा पानी डालकर मिट्टी गिली करके उसमें जौं बो देंअब उसके ऊपर एक मिट्टी का कलश या फिर पीतल के कलश में जल भरें और उसके ऊपरी भाग (गर्दन) में कलावा बांधेंकलश में एक बताशा, पूजा की सुपारी, लौंग का जोड़ा और एक सिक्का डालेंअब कलश के ऊपर आम या अशोक के पत्तें लगाएंएक जटा वाला नारियल लेकर उसके ऊपर लाल कपड़ा लपेटकर मौली बांधकर कलश के ऊपर रख देंइसके बाद सबसे पहले गणपति वंदन करें और कलश पर स्वास्तिक बनाएंघटस्थापना पूरी होने के पश्चात मां दुर्गा का आह्वान करते हुए विधि-विधान से माता शैलपुत्री का पूजन करें
पंचांग के अनुसार 13 अप्रैल मंगलवार को चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा की तिथि से नवरात्रि का पर्व शुभारंभ होगा. नवमी की तिथि 21 अप्रैल को पड़ेगी. वहीं नवरात्रि व्रत पारण 22 अप्रैल दशमी की तिथि को किया जाएगा.नवरात्रि नौं दिनों तक मां के 9 स्वरूपों शैलपुत्री माता, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. नवरात्रि में मां दुर्गा के स्वरुपों की पूजा अर्चना करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और उनके जीवन में खुशहाली आती है.